होंडा और निसान का विलय का ऐलान, बनेगी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार कंपनी

होंडा और निसान का यह विलय केवल कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे वाहन उद्योग के लिए भी एक बड़ा बदलाव हो सकता है।

एडिट
Japanese automakers Honda and Nissan have announced plans to merge

टोक्यो: जापान की वाहन निर्माता कंपनियां होंडा और निसान ने मिलकर काम करने का निर्णय लिया है, जिससे वे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी बन सकती हैं। यह फैसला जापानी वाहन उद्योग में आ रहे बड़े बदलावों के कारण लिया गया है, जहां अब जीवाश्म ईंधन से हटकर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर तेजी से बढ़ा जा रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दोनों कंपनियों ने सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, निसान के छोटे साझेदार मित्सुबिशी मोटर्स ने भी इस एकीकरण प्रक्रिया में शामिल होने की सहमति दी है।

निसान के सीईओ मकोतो उचिदा ने कहा कि अगर यह एकीकरण सफल होता है, तो वे अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं दे सकेंगे। जापान के वाहन निर्माता अपनी बड़ी प्रतिद्वंद्वियों, जैसे टेस्ला और अन्य कंपनियों से पीछे रह गए हैं और अब वे अपनी लागत घटाने और खोए हुए समय को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।

टोयोटा और वोक्सवैगन जैसी कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी

खबर के अनुसार, इस विलय से लगभग 41 हजार करोड़ रुपए (50 बिलियन डॉलर) से अधिक की एक बड़ी कंपनी बन सकती है, जो टोयोटा और वोक्सवैगन जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला कर सकेगी।

साल 2023 में, होंडा ने 40 लाख (चार मिलियन) और निसान ने 34 लाख (3.4 मिलियन) वाहन बनाए थे, जबकि मित्सुबिशी ने 10 लाख (एक मिलियन) से थोड़ा अधिक। इन तीनों कंपनियों के बीच एकजुटता से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियों और अन्य जरूरी घटकों को साझा किया जाएगा।

साल 2018 के बाद से निसान वित्तीय संकट से जूझ रहा

यह गठबंधन निसान के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह साल 2018 के बाद से वित्तीय संकट से जूझ रहा है। निसान के पूर्व अध्यक्ष कार्लोस घोसन के खिलाफ आरोपों के बाद कंपनी को काफी मुश्किलें आई थीं। निसान अब अपने कार्यबल में छह फीसदी की कटौती कर रहा है और लागत में सुधार की कोशिश कर रहा है।

होंडा के मुनाफे में आई है कमी

इसके अलावा होंडा ने भी अपने लाभ में कमी देखी है, खासकर चीन में बिक्री घटने के कारण। हालांकि, कंपनी ने नए बदलावों के लिए अपनी योजना बनाई है और इसे आगामी सालों में लाभकारी बनाने का लक्ष्य रखा है।

यह विलय केवल कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि पूरी वाहन उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है। जापान सरकार भी इस बदलाव को महत्वपूर्ण मानते हुए उम्मीद कर रही है कि कंपनियां अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए जरूरी कदम उठाएंगी।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article