अगले वित्त वर्ष से 12 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए क्या ITR भरना जरूरी है?

अगले वित्तीय वर्ष यानी 2025-26 से 12 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को कोई टैक्स नहीं भरना होगा। पहले ये सीमा 7 लाख थी। पर सवाल है कि क्या ITR भरना जरूरी है?

income tax return

Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: इस बार के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं के लिए बड़ी खुशी दी। नई व्यवस्था में टैक्स छूट 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये तक का कर दिया गया है। ये बदलाव 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष से लागू होंगे। इसका मतलब है कि यदि आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है, तो आप धारा 87ए के तहत पूरी तरह आयकर छूट के पात्र होंगे और आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।

इसके अलावा इस बजट में निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था के तहत मूल आय छूट सीमा को पिछले 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया। अगले वित्त वर्ष से 4 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को आम तौर पर किसी भी कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी, न ही उन्हें आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की जरूरत होगी।

4 लाख से अधिक आय पर ITR भरना जरूरी?

अब सवाल है कि क्या 4 लाख रुपये से अधिक और 12 लाख रुपये तक के आय वालों को भी आईटीआर दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी? आईए जानते हैं।

वर्तमान में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान नई कर व्यवस्था में 3 लाख रुपये से अधिक लेकिन 7 लाख रुपये से कम और पुरानी कर व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 लाख रुपये से कम कमाने वालों को आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत छूट का दावा करने के लिए अपना आईटीआर दाखिल करना होगा। 

वहीं, बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई प्रस्तावित व्यवस्था के तहत छूट राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया। नियमों के अनुसार सरकार मध्यवर्गीय करदाताओं को धारा 87ए के तहत छूट देकर राहत प्रदान करती है। यह छूट निर्धारित सीमा से कम आय वाले व्यक्तियों को अपनी कर देनदारी कम करने की अनुमति देती है।

हालाँकि, नई कर व्यवस्था के तहत यह 60,000 रुपये की छूट केवल उन करदाताओं पर लागू होगी जिनकी कुल वार्षिक आय में दीर्घकालिक या अल्पकालिक पूंजीगत लाभ जैसी विशेष आय शामिल नहीं है। ऐसे में छूट में बढ़ोतरी के बावजूद, आपको अभी भी आईटीआर दाखिल करके इसका दावा करना होगा। 

कुल मिलाकर कहें तो अगर आप धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट का दावा करना चाहते हैं तो आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है। जो लोग 4 लाख रुपये से अधिक लेकिन 12 लाख रुपये से कम कमाते हैं, वे खुद से धारा 87ए छूट के लिए पात्र नहीं होंगे। छूट के लिए उन्हें अपना आईटीआर भरना अनिवार्य होगा।

ऐसी स्थिति में भी भरना होगा ITR

कुछ स्थितियों में अगर आपकी आय नई कर व्यवस्था के तहत 4 लाख रुपये से कम हो, तो भी आईटीआर भरना जरूरी है। आयकर अधिनियम की धारा 139 के तहत इनका उल्लेख किया गया है

- यदि व्यक्ति के नाम विदेशी में संपत्ति है या उसका लाभकारी स्वामी है

- अगर एक वित्त वर्ष के भीतर उसके चालू या बचत खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक जमा होता है 

- अगर एक वित्त वर्ष के भीतर विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक का खर्च होता है

- अगर एक वित्त वर्ष के भीतर 1 लाख रुपये से अधिक की बिजली की खपत होती है

- अगर एक वित्तीय वर्ष में व्यवसाय में सकल बिक्री 60 लाख रुपये से अधिक होती है

- अगर पेशे में सकल प्राप्तियां (कवर किए गए व्यवसाय के अलावा) 10 रुपये से अधिक होती हैं

- अगर एक वित्तीय वर्ष में टीडीएस/टीसीएस 25,000 रुपये से अधिक है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। 

कुल मिलाकर आईटी अधिनियम के अनुसार, यदि वर्ष की कुल आय 4 लाख रुपये से कम है तो आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, धारा 139 के तहत कुछ मामलों में आय कुछ भी हो, आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है। 

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