नई दिल्लीः भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को भारत सरकार की तरफ से 'नवरत्न' का दर्जा दिया गया है। इन दोनों कंपनियों को यह दर्जा मिलने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बधाई दी है। 

इसकी जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस के सोशल मीडिया अकाउंट से एक्स पर दी गई है। इसमें लिखा गया है कि भारत सरकार ने आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को नवरत्न का दर्जा दिया है। इसके साथ ही ये दोनों कंपनियां 25 वीं और 26 वीं नवरत्न कंपनियां बन गई हैं। 

दोनों ही कंपनियां सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के अंतर्गत आती हैं।

एक्स पोस्ट में क्या लिखा?

डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस की एक्स पोस्ट में आगे लिखा गया है कि "आईआरसीटीसी रेलवे मंत्रालय का सीपीएसई है जिसका सालाना कारोबार 4,270 करोड़ रुपये का है, पैट 1,111.26 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत कुल संपत्ति 3,299.97 करोड़ रुपये है।"

इसी तरह आईआरएफसी के बारे में एक अलग से पोस्ट किया गया है जिसमें लिखा है कि आईआरएफसी रेलवे मंत्रालाय का एक सीपीएसई है जिसका सालाना कारोबार  26,644 करोड़ रुपये है, पैट 6,412 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुसार, कुल संपत्ति 49,178 रुपये है। 


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दोनों ही कंपनियों की टीम को बधाई दी है। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा कि " नवरत्न का दर्जा मिलने पर आईआरसीटीसी और आईआरएफसी की टीम को बधाई।"

क्या है नवरत्न दर्जे का मतलब? 

नवरत्न दर्जा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को दिया जाता है। यह दर्जा असाधारण वित्तीय और बाजार प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है। इससे कंपनी की वैल्यू बढ़ती है और उनकी वित्तीय क्षमता भी बढ़ाने के लिए विस्तार की अनुमति भी देता है। 

कंपनियों को नवरत्न दर्जा मिलने से उन्हें वित्तीय और ऑपरेशनल स्वतंत्रता मिलती है। इससे कंपनियां 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती हैं। इसके साथ ही अपनी कुल संपत्ति का 15 प्रतिशत हिस्सा किसी एक प्रोजेक्ट में लगा सकती हैं। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से अनुमति नहीं लेनी पड़ती है।