Photograph: (ग्रोक)
नई दिल्ली: देश में महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर आई है। मई 2025 में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर (WPI) घटकर 0.39 प्रतिशत पर आ गई है, जो अप्रैल में 0.85 प्रतिशत थी। यह पिछले 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है। थोक महंगाई में आई इस गिरावट के पीछे खाद्य वस्तुओं, गैर-खाद्य विनिर्माण उत्पादों, खनिज और ईंधन व बिजली की कीमतों में कमी मुख्य वजह रही।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में WPI 2.51%, फरवरी में 2.38% और मार्च में 2.25% थी। मई में आई यह गिरावट विशेषज्ञों के अनुमान से भी कम रही। रॉयटर्स के सर्वे में 0.8% महंगाई की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन आंकड़ा इससे नीचे रहा।
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट बनी बड़ी वजह
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट इस नरमी की सबसे बड़ी वजह रही। मई में थोक खाद्य महंगाई 1.72% रही। इसके अलावा, गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पादों, खनिज पदार्थों और ईंधन व बिजली की कीमतों में भी गिरावट देखी गई, जिससे कुल महंगाई दर में कमी आई।
एक मीडिया पोर्टल से बात करते हुए आईसीआरए लिमिटेड के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा, "जून 2025 (15 जून तक) के आंकड़ों के मुताबिक, 22 में से 20 खाद्य वस्तुओं में साल-दर-साल महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें अनुकूल आधार वर्ष का भी योगदान रहा है।"
राहुल अग्रवाल का अनुमान है कि जून में WPI खाद्य महंगाई दर 1.7% से भी कम हो सकती है। इसके अलावा, सामान्य मानसून और रबी फसलों की अच्छी बुवाई से आने वाले महीनों में खाद्य कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है।
किन वस्तुओं में देखी गई गिरावट
डेटा के मुताबिक, प्राथमिक वस्तुओं, जिनमें अनाज, सब्जियां, अंडे, मांस, मछली के अलावा कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस शामिल हैं, उनकी कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है।
दालों में महंगाई -10.41% रही। जबकि सब्जियों में 21.62% गिरावट देखी गई। आलू की कीमतें 29.42% घटीं, वहीं गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 1.53% वृद्धि हुई, जबकि कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस 12.43% सस्ते हुए। ईंधन व बिजली की कीमतें 2.27% घटीं। विनिर्मित वस्तुओं में महंगाई दर 2.04% रही।
खुदरा महंगाई भी छह साल के निचले स्तर पर
सिर्फ थोक महंगाई ही नहीं, बल्कि खुदरा महंगाई (CPI) में भी बड़ी गिरावट देखी गई है। मई में खुदरा महंगाई घटकर 2.82% पर आ गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। अप्रैल में सीपीआई 3.16% और मई 2024 में 4.8% थी।
लगातार चार महीने से खुदरा महंगाई 4% से नीचे बनी हुई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे लंबा ऐसा सिलसिला है।
आरबीआई ने ब्याज दरों में तीसरी बार कटौती की
महंगाई में नरमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जून की मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट में 0.50% की कटौती कर इसे 5.5% कर दिया। फरवरी 2025 से अब तक कुल 1% की कटौती की जा चुकी है। यह कदम साफ संकेत देता है कि अब RBI महंगाई नियंत्रण से आगे बढ़कर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने पर फोकस कर रहा है।