नई दिल्ली: भारत का स्मार्टफोन निर्यात नवंबर 2024 में 20 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है, जो पिछले वर्ष के नवंबर के 10,634 करोड़ रुपए से 92 फीसदी अधिक है। यह भारत के स्मार्टफोन निर्माण क्षेत्र की बड़ी सफलता को दर्शाता है, जिसमें एप्पल और सैमसंग जैसी दिग्गज कंपनियों की अहम भूमिका है।
अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, नवंबर 2024 में एप्पल ने 14 हजार करोड़ रुपए का निर्यात किया, जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह अक्टूबर में 12 हजार करोड़ रुपए के पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया।
यह निर्यात भारत में बनाए गए आईफोन के कुल उत्पादन मूल्य का 80 फीसदी से अधिक है। एप्पल के विक्रेताओं फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, और पेगाट्रॉन ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन की सुविधा सबसे आगे रही।
भारत का वैश्विक स्मार्टफोन निर्माण में प्रभाव बढ़ा
खबर के अनुसार, एप्पल का प्रदर्शन उसकी उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई-PLI) योजना की जुड़ाव को दर्शाता है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए उत्पादन मूल्य का 70-75 फीसदी निर्यात करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसने उसे काफी हद तक पार कर लिया है।
सैमसंग और भारतीय निर्माताओं ने भी योगदान दिया, जिससे भारत का वैश्विक स्मार्टफोन निर्माण में स्थान और मजबूत हो गया।
2019 में भारत स्मार्टफोन निर्यात में 23वें स्थान पर था
भारत की स्मार्टफोन पीएलआई योजना ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है। साल 2019 में, जब यह योजना शुरू हुई थी, भारत स्मार्टफोन निर्यात के मामले में 23वें स्थान पर था। अब यह तीसरे सबसे बड़े व्यक्तिगत वस्तु निर्यातक के रूप में उभरा है। इस योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को भी प्रोत्साहन दिया है।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, पीएलआई योजना लागू होने के बाद से मोबाइल घटकों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी-GST) और शुल्क में 11 खरब रुपए की वृद्धि हुई है।
पिछले चार वर्षों में भारत ने 28.7 खरब रुपए का मोबाइल निर्यात किया है। इससे तीन लाख प्रत्यक्ष नौकरियां और छह लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित हुई हैं। इनमें से कई नौकरियां युवा महिलाओं को मिली हैं, जो पहली बार कार्यबल में शामिल हो रही हैं।
एप्पल और सैमसंग के साथ अन्य कंपनियां भी भारत में अपनी गतिविधियों को बढ़ा रही हैं। इसका परिणाम यह है कि भारत अब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की ओर अग्रसर है। स्मार्टफोन निर्माण में इस तेजी ने भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है।