सोने के भंडार में तेज बढ़ोतरी के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह बढ़कर 648 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.98 अरब डॉलर बढ़कर 648.562 अरब डॉलर हो गया। इस बढ़ोतरी में स्वर्ण भंडार का योगदान सबसे ज्यादा रहा, जो 2.398 अरब डॉलर बढ़कर 54.558 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह बताया था कि केंद्रीय बैंक सोना खरीद रहा है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम बढ़ने से भी स्वर्ण भंडार मजबूत हुआ है।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 54.9 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 571.166 अरब डॉलर पर पहुंच गईं।
सात सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 32.465 अरब डॉलर बढ़ चुका है। इससे पहले 29 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 2.951 अरब डॉलर बढ़कर 645.583 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। इसने 22 मार्च तथा 15 मार्च को समाप्त सप्ताहों में भी रिकॉर्ड बनाया था और क्रमशः 642.631 अरब डॉलर तथा 642.492 अरब डॉलर रहा था।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से आरबीआई को रुपये के अस्थिर होने पर उसे स्थिर करने के लिए अधिक गुंजाइश मिलती है। वह रुपये को भारी गिरावट से बचाने के लिए अधिक डॉलर जारी कर हाजिर और वायदा मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करता है।
इसके विपरीत, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से आरबीआई के पास रुपये को सहारा देने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने का कम विकल्प बचता है।