टोरंटो: अमेरिकी विदेश विभाग ने अगस्त 2025 के लिए अपनी वीजा बुलेटिन जारी की है, जिससे भारतीय EB-5 वीज़ा आवेदकों को बड़ी राहत मिली है। अनरिजर्व्ड EB-5 कैटेगरी में भारत के लिए फाइनल एक्शन डेट (अंतिम कार्रवाई की तारीख) छह महीने से भी ज्यादा आगे बढ़कर15 नवंबर, 2019 हो गई है। यह इस महीने की बुलेटिन में सबसे तेज बढ़ोतरी में से एक है। इससे उन भारतीय निवेशकों को राहत मिली है जो इस श्रेणी में लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।

EB-5 वीजा अमेरिका का एक 'इमीग्रेंट इन्वेस्टर प्रोग्राम' है। यह विदेशी नागरिकों को अमेरिका में स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) हासिल करने का मौका देता है। इसके तहत, आवेदक को अमेरिका के किसी योग्य व्यवसाय में कम से कम 800,000 डॉलर (लगभग 7 करोड़ रुपये) का निवेश करना होता है। शर्त यह है कि यह निवेश कम से कम 10 अमेरिकी कर्मचारियों के लिए नई नौकरियां पैदा करे या उन्हें बचाए। इस वीज़ा में निवेशक के साथ-साथ उनके जीवनसाथी और 21 साल से कम उम्र के अविवाहित बच्चे भी शामिल होते हैं। मंजूरी मिलने पर पूरे परिवार को अमेरिकी ग्रीन कार्ड मिलता है।

यह 'प्रायोरिटी डेट' (प्राथमिकता तिथि) में उछाल ऐसे समय में आया है जब अन्य अमेरिकी वीजा श्रेणियों में लंबित मामलों की संख्या बहुत बढ़ गई है। जुलाई 2025 तक, अमेरिकी आव्रजन प्रणाली में 1.1 करोड़ से अधिक मामले लंबित थे, जिनमें भारतीय H-1B कर्मचारी और परिवार-आधारित ग्रीन कार्ड के इच्छुक लोग शामिल हैं।

कैनएम एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष पीयूष गुप्ता ने कहा, "अन्य श्रेणियों में रिकॉर्ड लंबित मामलों के कारण उम्मीदें टूट रही हैं, ऐसे में EB-5 अमेरिकी स्थायी निवास का सबसे तेज और सबसे सुरक्षित रास्ता बन गया है।" उन्होंने कहा कि प्राथमिकता तिथियों में छह महीने का उछाल भारतीय निवेशकों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है।

तारीखें आगे क्यों बढ़ीं?

अप्रैल 2025 में, भारत के लिए EB-5 अनरिजर्व्ड की अंतिम कार्रवाई की तारीख उच्च मांग के कारण पीछे धकेल दी गई थी। हालांकि, अगस्त 2025 की बुलेटिन बताती है कि अब अप्रयुक्त परिवार-प्रायोजित वीजा रोजगार-आधारित श्रेणियों, जिनमें EB-5 भी शामिल है, को फिर से आवंटित करने के लिए उपलब्ध हैं। इससे विदेश विभाग भारत की अंतिम कार्रवाई की तारीख को 15 नवंबर, 2019 तक आगे बढ़ा सका।

हालांकि, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने चेतावनी दी है कि यदि EB-5 वीज़ा की सालाना तय सीमा पूरी हो जाती है, तो इस श्रेणी को तुरंत "अप्राप्य" घोषित कर दिया जाएगा और तब तक कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा।

EB-5 में वीजा कैसे बंटते हैं?

गौरतलब है कि EB-5 वीजा के लिए कुल वैश्विक कोटे का 7.1 प्रतिशत निर्धारित है। इसमें से 20% वीजा ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए, 10 प्रतिशत वीजा उच्च बेरोजगारी वाले क्षेत्रों के निवेशकों के लिए और 2 प्रतिशत वीजा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश करने वालों के लिए आरक्षित हैं। बाकी 68% वीजा अनारक्षित माने जाते हैं, यानी वे निवेशक जो इन विशेष श्रेणियों में नहीं आते, उनके लिए उपलब्ध होते हैं।

अमेरिकन इमीग्रेंट इन्वेस्टर एलायंस (AIIA) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, EB-5 वीजा की मांग, खासकर अप्रैल 2024 से, तेजी से बढ़ी है। खासकर TEA (Targeted Employment Area) जैसे ग्रामीण और बेरोजगारी-ग्रस्त क्षेत्रों में निवेश करने वालों की भीड़ ज्यादा है। 

रिपोर्ट में बताया गया कि यदि कोई भारतीय निवेशक TEA में निवेश करने पर विचार कर रहा है, तो उसे वीजा के लिए 5 से 10 साल या उससे अधिक का इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि ग्रामीण और उच्च बेरोजगारी वाले निवेशकों की पहले से ही एक लंबी कतार है। लेकिन अच्छी बात यह है कि एक बार I-526E याचिका मंजूर हो जाने पर TEA निवेशक चाहें तो अनारक्षित वीजा भी चुन सकते हैं। अनारक्षित कैटेगरी में भी बैकलॉग है, लेकिन भारत में जन्मे निवेशकों के लिए पुरानी याचिकाएं शायद 5 वर्षों के भीतर निपट सकती हैं—जो कि 2025 में सबसे जल्दी मिलने वाला ग्रीन कार्ड रास्ता हो सकता है।