पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.7% रहने का अनुमान, RBI के लक्ष्य से अधिक: रिपोर्ट
नई दिल्लीः भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्तीय वर्ष (FY26) की पहली तिमाही में 6.7% की दर से बढ़ सकती है। यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के हालिया 6.5% के अनुमान से बेहतर है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए (ICRA) ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया। हालांकि, यह वृद्धि FY25 की चौथी तिमाही के 7.4% से कम है, जो मुख्य रूप से औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में संभावित मंदी के कारण है।
आईसीआरए ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल मूल्य वर्धित (GVA) की वृद्धि दर 6.4% रहेगी, जो पिछली तिमाही के 6.8% से कम है। एजेंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, सरकार के मजबूत पूंजी और राजस्व खर्च, कुछ क्षेत्रों में निर्यात में शुरुआती तेजी और खपत में सुधार के शुरुआती संकेतों से यह वृद्धि दर संभव हुई है। सेवा क्षेत्र में 8.3% की वृद्धि का अनुमान है, जो पिछली आठ तिमाहियों में सबसे अधिक है और यह GVA की कुल वृद्धि को सहारा देगा। हालांकि, औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर पिछली तिमाही के 6.5% से घटकर 4.0% रहने का अनुमान है, जबकि कृषि क्षेत्र की वृद्धि भी 5.4% से घटकर 4.5% तक धीमी हो सकती है। फिर भी, यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 1.5% की तुलना में मजबूत है, जो रबी और खरीफ फसलों के बेहतर उत्पादन से समर्थित है।
आर्थिक विकास में सरकारी खर्च का बड़ा योगदान
सरकारी खर्च ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्र सरकार का सकल पूंजीगत व्यय सालाना आधार पर 52.0% बढ़कर 2.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, 24 राज्य सरकारों का कुल पूंजीगत खर्च भी सालाना 23.0% बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये हो गया। शुद्ध अप्रत्यक्ष करों में भी दोहरे अंकों की वृद्धि का अनुमान है, जो भारत सरकार के अप्रत्यक्ष करों में 11.3% की तेज वृद्धि से प्रेरित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति में छूट के बेहतर प्रसार और जीएसटी युक्तिकरण की हाल की घोषणा से त्योहारी सीजन से पहले शहरी उपभोग की भावना मजबूत हो सकती है। आरबीआई के ग्रामीण उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण में भी ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता भावना में सुधार देखा गया है।
आईसीआरए का मानना है कि इन सकारात्मक रुझानों से भारतीय अर्थव्यवस्था को वर्तमान चुनौतियों के बावजूद 6.7% की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी।