भारत का विदेश में गोल्ड रिजर्व 6 साल के सबसे निचले स्तर पर, देश में स्वर्ण भंडार में 53 फीसदी का इजाफा

मार्च 2024 के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई के पास कुल सोना भंडार 822.10 मीट्रिक टन था। इसमें से 408 मीट्रिक टन से अधिक भंडार भारत में है और बाकी 413.79 मीट्रिक टन विदेशों में रखा गया था।

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India foreign gold reserves reached lowest level in 6 years gold storage in the country increased by 53 percent

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: भारत का विदेशी स्वर्ण भंडारण में भारी गिरावट देखा गया है जो पिछले छह सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस साल मार्च के अंत तक विदेश में रखे गए सोने का अनुपात घटकर 47 फीसदी हो गया है जो दिसंबर 2017 के बाद से सबसे कम है। इस बड़े बदलाव की शुरुआत मार्च 2022 से हुई थी जब रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ था।

इस युद्ध के कारण अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे और उसके विदेशी संपत्तियों को जब्त कर दिया था। इसके बाद से भारत ने विदेश से सोना मंगाना शुरू किया था।

तब से लेकर इस साल मार्च तक भारत विदेश से सोना मंगाता रहा है। इसी साल मार्च में भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्रिटेन से 100 टन सोना वापस मंगवाया था जिसके बाद से भारत का गोल्ड रिजर्व 822.10 टन हो गया है।

आरबीआई के सोने के भंडार में हुई है उल्लेखनीय वृद्धि

यही नहीं देश भर में आरबीआई ने अपने सोने के भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। मार्च 2024 तक यह बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। इस पर बोलते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि ऐसा पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता के कारण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा है कि इसका कुछ और मतलब नहीं निकालना चाहिए।

सर्वे में क्या खुलासा हुआ है

2023 दिसंबर के इनवेस्को सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि दुनिया भर के 57 केंद्रीय बैंकों और ऐसेट मैनेजमेंटों ने आठ से 10 साल पहले सोने में निवेश को बढ़ा दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वे इसे लंदन में रखकर और इसे स्वैप के जरिए ज्यादा से ज्यादा रिटर्न के लिए इस्तेमाल किया करते थे।

सर्वे में यह भी साफ हुआ है कि अब वे अपने भंडार को अपने देश वापस मंगवा रहे हैं।

आरबीआई के सोने का भंडार भी बढ़ा है

सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि केंद्रीय बैंकों के पास जहां 2020 में उनके सोने का भंडार 50 फीसदी था अब वह अगले पांच सालों में बढ़कर 74 फीसदी तक होने की संभावा है।

इसका मतलब यही हुआ है कि सारे देश विदेशों में पड़े अपने सोने के भंडार को अपने देश मंगवा रहे हैं। इसी तरीके से आरबीआई का भंडार जो सितंबर 2021 में 39 फीसदी था अब यह मार्च 2024 तक बढ़कर 53 फीसदी हो गया है।

मार्च में भारत का सोना भंडार हुआ 53 फीसदी

बता दें कि 1990-91 के विदेशी मुद्रा संकट के दौरान बैंक ऑफ इंग्लैंड में गिरवी रखे हुए सोना का लोन चुकाने के बाद भी भारत ने अपना सोना वापस नहीं लिया था और वहीं के बैंक में ही रख दिया था।

सितंबर 2021 में भारत में केवल 39 फीसदी ही सोने का रिजर्व था जो मार्च 2024 में बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। मार्च 2024 के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई के पास कुल सोना भंडार 822.10 मीट्रिक टन था। इसमें से 408 मीट्रिक टन से अधिक भंडार भारत में है और बाकी 413.79 मीट्रिक टन विदेशों में रखा गया था।

ऐसे वापस लाया गया है भारत में सोना

आरबीआई ने एक बार में सब सोना देश वापस नहीं लाया है बल्कि कई खेप में सोने को देश वापस लाया गया है। वित्त मंत्रालय, आरबीआई और स्थानीय अधिकारियों सहित सरकारी एजेंसियों के बीच महीनों की योजना और समन्वय के जरिए इस सोने को भारत वापस लाया गया है।

देश में सोना वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने सीमा शुल्क भी हटा दिया था लेकिन जीएसटी लागू हुआ था। सोने को एक विशेष विमान के जरिए कड़ी सुरक्षा में भारत वापस लाया गया है। भारत में यह सोना मुंबई के मिंट रोड और नागपुर में स्थित आरबीआई के पुराने कार्यालय भवन में स्टोर किया जाता है।

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