लंदनः भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को एक अति महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
यह समझौता भारत के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री जोनाथन रोनाल्ड्स के बीच समझौता हुआ था।पीएम नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के बीच लंदन में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस पर हस्ताक्षर हुए।
किएर स्टार्मर ने क्या कहा?
किएर स्टार्मर ने इस डील के संबंध में एक्स पर एक पोस्ट करते हुए इसे "लैंडमार्क डील" बताया है और कहा कि यह समझौता ब्रिटेन में नौकरियों और बिजनेस के अवसरों को बढ़ावा देगा।
दोनों देशों के बीच हुए इस फैसले में क्या कुछ मुख्य बाते हैं, उन पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
- इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 56 बिलियन डॉलर (48 खरब 39 अरब रुपये) से बढ़कर 112 बिलियन डॉलर (96 खरब 78 अरब रुपये) होने की उम्मीद जताई गई है।
- भारत के 99 प्रतिशत निर्यात को ब्रिटेन की बाजारों में पहुंच के लिए कोई टैरिफ नहीं लागू होगा।
- भारतीय पेशेवरों को 3 साल तक ब्रिटेन के सामाजिक सुरक्षा भुगतान से छूट मिलेगी।
- दोनों देशों की तरफ से आने वाले अधिकांश सामानों पर सीमा शुल्क समाप्त करना या फिर काफी कम करना। इसके साथ ही इनका उद्देश्य सेवा व्यापार और पारस्परिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों को सरल बनाना भी है।
- भारत और ब्रिटेन के बीच हुए इस डील में कई खंड हैं, जो विभिन्न पहलुओं को संबोधित करते हैं। इनमें माल, सेवाएं, सरकारी खरीद, नवाचार और बौद्धिक संपदाएं शामिल हैं।
- ब्रिटेन से आयातित होने वाली व्हिस्की और जिन पर अभी 150 प्रतिशत टैरिफ लगता है, इसे घटाकर 75 प्रतिशत करना है। वहीं, आने वाले एक दशक में इसे घटाकर 40 प्रतिशत करना है।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी इस समझौते के तहत टैरिफ में भारी कटौती होगी। इसमें कटौती 100 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत पर लाई गई है। हालांकि, इस पर कुछ प्रतिबंध होंगे।
Congratulations to Prime Minister @NarendraModi ji, UK Prime Minister @Keir_Starmer, and the people of India & the United Kingdom on the signing of the landmark India-UK Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA).
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 24, 2025
Duty-free access for about 99% of Indian exports unlocks… pic.twitter.com/AWAwVTwtrg
घरेलू क्षेत्रों के लिए भी खुलेंगे निर्यात के रास्ते
इस समझौते के तहत घरेलू क्षेत्रों के लिए भी निर्यात के रास्ते खुलेंगे। इसमें कपड़ा, चमड़ा उद्योग, जूता, खेल संबंधी सामग्री, समुद्री उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, जैविक रसायन आदि शामिल हैं। इन क्षेत्रों में अधिकतर लोगों को रोजगार मिलता है।
समझौते के तहत दोनों देशों के बीच विविध पेशेवरों की आवाजाही सुगम होगी। इसमें स्वतंत्र पेशेवर जैसे- संगीतकार और रसोइये, योग प्रशिक्षक, निवेशक, संविदात्मक सेवा आपूर्तिकर्ताओं के साथ-साथ उनके साथी और बच्चों को शामिल किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस समझौते के बारे में कहा है कि इससे भारतीय लोगों और उद्योगों को ब्रिटेन निर्मित वस्तुओं तक पहुंच बनाने में योग्य होंगे। इनमें मेडिकल डिवाइसेस और एयरोस्पेस पार्ट्स शामिल हैं जो उचित दर पर मिल सकेंगे।
साल 2024-25 के बीच भारत का ब्रिटेन के निर्यात में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 14.5 बिलियन डॉलर (12 खरब 53 अरब रुपये) तक पहुंच गया। इसी दौरान आयात में भी 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह 8.6 बिलियन डॉलर (7 खरब 43 अरब रुपये) पहुंच गया है।
ऐसे में इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार में और भी वृद्धि की संभावना है।