ICICI में मिनिमम बैलेंस 50 हजार रुपये रखने की जरूरत नहीं, ग्राहकों के आक्रोश के बाद बैंक ने घटाई राशि

अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए आईसीआईसीआई बैंक ग्राहकों के लिए आवश्यक न्यूनतम शेष राशि 25,000 रुपये से घटाकर 7,500 रुपये कर दी गई है। पुराने ग्राहकों के लिए न्यूनतम शेष राशि 5,000 रुपये ही रहेगी।

ICICI BANK 881

Photograph: (IANS)


मुंबई: ICICI बैंक ने शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत शेष (एमएबी) की राशि को घटा दिया है। कुछ दिन पहले इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का ऐलान किया गया था। हालांकि, ग्राहकों के आक्रोश के बाद इसे घटाकर अब 15,000 रुपये कर दिया है। यह संशोधन ग्राहकों के भारी विरोध के बाद किया गया है। वैसे, संशोधित एमएबी भी पहले की तुलना में अभी 5,000 रुपये अधिक है।

अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए आईसीआईसीआई बैंक ग्राहकों के लिए आवश्यक न्यूनतम शेष राशि भी 25,000 रुपये से घटाकर 7,500 रुपये कर दी गई है। वहीं, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पुराने ग्राहकों के लिए न्यूनतम शेष राशि 5,000 रुपये ही रहेगी। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा पिछले हफ्ते शनिवार को न्यूनतम शेष राशि बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की घोषणा की गई थी।

HDFC ने भी नहीं बढ़ाई है मिनिमम बैलेंस की राशि

एचडीएफसी बैंक ने भी यह साफ किया है कि मिनिमम बैलेंस की राशि नहीं बढ़ाई गई है। इससे पहले कल खबरें आई थी कि बैंक ने इसे 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया है। बैंक ने इस बात पर जोर दिया कि वह विभिन्न ग्राहकों के प्रोफाइलों के अनुरूप अनेक तरह के बचत खाते मुहैया कराता है और प्रत्येक प्रकार की एएमबी आवश्यकताएं, प्रदान की गई वैल्यू-ऐडेड सर्विस के आधार पर भिन्न होती हैं।

वर्तमान में बैंक में नियमित बचत खाते के लिए न्यूनतम जमा राशि (AMB) 10,000 रुपये है, जबकि सेविंग्स मैक्स खाते के लिए 25,000 रुपये मिनिमम बैलेंस बना हुआ है। ये खाते ग्राहक की प्रोफाइल के आधार पर ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय शाखाओं में उपलब्ध हैं। महानगरीय शाखाओं के लिए, जहाँ ग्राहकों का इस्तेमाल अधिक है, वहां बैंक नए ग्राहकों को सेविंग्स मैक्स खाता प्रदान करने को प्राथमिकता देता है।

बताते चलें कि भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2020 में न्यूनतम शेष राशि के नियम को समाप्त कर दिया था। कई और पब्लिक सेक्टर बैंकों ने इसे हटा दिया है। वहीं, कुछ बैंक मिनिमम बैलेंस की सीमा को काफी कम सीमा रखते हैं। आमतौर पर इसे 2,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच रखा जाता है।

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