नई दिल्लीः ICICI बैंक में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बैंक की एक रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 100 से ज्यादा खातों तक पहुंच बनाकर इस घटना को अंजाम दिया। उसने लोगों के खाते से 4.58 करोड़ रुपये उड़ाए। यह घोटाला उसने दो साल के दौरान किया। 

साक्षी कोटा के डीसीएम क्षेत्र में आईसीआईसीआई बैंक की श्रीनगर शाखा में कार्यरत थी। यहां पर वह 2020-2023 तक तैनात रही। पुलिस द्वारा गहन जांच के बाद उसे 31 मई को हिरासत में लिया गया था।

18 फरवरी को धोखाधड़ी की जानकारी मिली

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को उसके द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में 18 फरवरी को पता चला था। बैंक ने पहले इस मामले में आंतरिक जांच की जिसमें साक्षी गुप्ता की पहचान हुई। कोटा में बतौर रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर काम करने के दौरान वह ग्राहक खातों को प्रभावित करने वाले एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल थी। बैंक की आंतरिक जांच के बाद कोटा पुलिस ने जांच शुरू कर दी। 

इस मामले में पुलिस अधिकारी संभावित सहयोगियों की भी जांच कर रहे हैं और बैंक से इस मामले से जुड़े जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है। पुलिस द्वारा अब तक की गई जांच में क्या पता चला है? इस पर बिंदुवार चर्चा करते हैं-

कैसे दिया अंजाम? 

साक्षी गुप्ता ने 41 ग्राहकों के करीब 100 से अधिक खातों में अनधिकृत तरीके से पहुंच प्राप्त कर ली थी और कई अवैध लेनदेन किए थे। 

जांच में यह भी पता चला है कि उसने इस राशि का इस्तेमाल शेयर बाजार में निवेश करने के लिए किया जहां उसे नुकसान हुआ। 

इसके साथ ही इस धोखाधड़ी को छिपाने के लिए उसने ग्राहकों के खाते में दर्ज फोन नंबर बदल दिए थे। इनकी जगह पर अपने घर के लोगों के नंबर दर्ज कर दिए थे। 

साक्षी गुप्ता ने करीब 40 से अधिक खातों में ओवरड्रॉफ्ट सुविधाओं का अनधिकृत रुप से सक्रिय किया था। 

इसके साथ ही उसने 31 खाताधारकों के फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) को भी समाप्त कर दिया था। इनके 1.34 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। 

पैसों के ट्रांजैक्शन के लिए उसने डेबिट कार्ड और उससे संबंधित पिन प्राप्त करने में भी धोखाधड़ी की थी।

अवैध धनराशि को छिपाने के लिए उसने डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करने की बात की थी।