अदानी मामले में सेबी के नोटिस पर हिंडनबर्ग ने कोटक बैंक को भी घेरा, SEBI पर बड़े बिजनेसमैन को बचाने का लगाया आरोप

सेबी के नोटिस में कहा गया कि किंगडन ने साझेदारी के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से हिंडनबर्ग की भारतीय डेरिवेटिव मार्केट में अदानी एंटरप्राइजेज के फ्यूचर्स में ट्रेड करने में मदद की और फिर मुनाफे को रिसर्च फर्म के साथ शेयर कर लिया गया।

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Hindenburg research also cornered Kotak Bank on SEBI notice in Adani case accused regulator of protecting big businessman

अदानी मामले में सेबी के नोटिस पर हिंडनबर्ग ने कोटक बैंक को भी घेरा, SEBI पर बड़े बिजनेसमैन को बचाने का लगाया आरोप (फाइल फोटो- IANS)

मुंबई: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के समय और उसके बाद अदानी एंटरप्राइजेज की स्क्रिप में ट्रेडिंग के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च, नाथन एंडरसन और मॉरीशस के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) मार्क किंगडन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

हालांकि इस नोटिस पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

नोटिस पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने दी है प्रतिक्रिया

हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की आलोचना करते हुए नोटिस को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का खुलासा करने वालों को चुप कराने का प्रयास बताया है। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने कोटक महिंद्रा बैंक का नाम भी लिया है।

मामले में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम सामने आने से इसके शेयरों में गिरावट देखी गई है। निफ्टी में कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में शुरुआती कारोबार में चार फीसदी की गिरावट देखी गई जिससे शेयर 1,737 रुपए पर आ गया था।

कारण बताओ नोटिस में क्या कहा गया है

46 पेज के कारण बताओ नोटिस में बाजार नियामक की ओर से कहा गया है कि हिंडनबर्ग और एंडरसन ने सेबी एक्ट, सेबी की धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार आचरण रोकथाम के नियम, और रिसर्च एनालिस्ट के लिए बनाई गई आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

इस नोटिस में एफपीआई किंगडन पर आरोप है कि उसने सेबी एक्ट, सेबी के धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार आचरण रोकथाम के नियम, और एफपीआई के लिए बनाए गए सेबी की आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

अदानी के फ्यूचर्स में ट्रेड किया गया और फिर मुनाफा बांटा गया-नोटिस

नियामक की ओर से कहा गया है कि हिंडनबर्ग और एफपीआई ने भ्रामक डिस्कलेमर दिया कि यह रिपोर्ट भारत से बाहर ट्रेड की जाने वाली सिक्योरिटीज के लिए है, लेकिन यह पूरी तरह भारत में सूचीबद्ध कंपनियों को लेकर थी।

नोटिस में कहा गया कि किंगडन ने साझेदारी के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से हिंडनबर्ग की भारतीय डेरिवेटिव मार्केट में अदानी एंटरप्राइजेज के फ्यूचर्स में ट्रेड करने में मदद की और फिर मुनाफे को रिसर्च फर्म के साथ शेयर कर लिया गया।

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कोटक महिंद्रा बैंक के बारे में हिंडनबर्ग ने क्या कहा

हिंडनबर्ग रिसर्च ने मंगलवार को कहा है कि अदानी ग्रुप के शेयरों को शॉर्ट करने के लिए उसने एक इनवेस्टर पार्टनर का इस्तेमाल किया था जिसने उसके ऑफशोर अकाउंट तैयार किए थे।

फर्म ने कहा कि उसके इनवेस्टर पार्टनर कोटक महिंद्रा बैंक ने ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर तैयार किया था और उसकी देखरेख भी की थी। बता दें कि कोटक महिंद्रा बैंक एक प्राइवेट सेक्टर बैंक और यह एक ब्रोकरेज फर्म भी है जिसकी स्थापना उदय कोटक द्वारा की गई थी।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने सवाल पूछते हुए कहा है कि आखिर उनके फर्म को सर्विस देने वाले बैंक का नाम उन्हें भेजे गए कारण बताओ नोटिस में क्यों नहीं लिया गया है। फर्म ने आरोप लगाया कि शायद सेबी यह नहीं चाहती है कि है कि फिर से किसी बड़े भारतीय बिजनेसमैन का नाम इस मामले से जुड़े और इसलिए नोटिस में बैंक के नाम को छुपाया गया हो।

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फर्म ने लगाए सेबी पर आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने आगे कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने साल 2017 में सेबी कॉरपोरेट गवर्नेंस कमिटी की अध्यक्षता की थी। ऐसे में फर्म ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा हो सकता है कि सेबी यह नहीं चाहती हो कि इस मामले में बैंक या उसके बोर्ड के किसी अन्य सदस्य का इस केस में नाम आए, इस कारण उन्हें दिए गए नोटिस में बैंक से जुड़े किसी भी व्यक्ति का कोई भी जिक्र नहीं है।

हिंडनबर्ग रिसर्च और अदानी मामले में अब तक

हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल जनवरी में एक रिपोर्ट जारी कर अदानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे। फर्म ने आरोप लगाया था कि ग्रुप अपनी कंपनियों के स्टॉक में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड करती है।

बता दें कि यह रिपोर्ट तब सामने आई थी जब ग्रुप के 20 हजार करोड़ के फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर आने वाला था। इस रिपोर्ट से ग्रुप के कई कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी तो कई दिनों तक जारी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को सौंपा था जांच

इस रिपोर्ट से अदानी समूह के शेयरों में 86 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था हालांकि समूह इस झटके से बहुत पहले ही उबर चुका है। रिपोर्ट को लेकर ग्रुप ने उस समय अपनी प्रतिक्रिया दी थी और इसे दुर्भावनापूर्ण और निराधार बताया था।

इन आरोपों की जांच के लिए इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एक पैनल की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया था लेकिन बाद में कोर्ट ने कहा कि इसकी जांच सेबी करेगी। ऐसे में सेबी की जांच के बाद फर्म को नोटिस जारी किया गया है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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