नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने भारत की ओर से रूसी तेल आयात रोकने की खबरें सुनी हैं। साथ ही ट्रंप ने इसे एक 'अच्छा कदम' बताया है। हालाँकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि देश की ऊर्जा खरीद बाजार ताकतों और राष्ट्रीय हितों से प्रेरित है। मंत्रालय ने साथ ही कहा था कि उसे भारतीय तेल कंपनियों द्वारा रूसी आयात रोकने की खबरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

बहरहाल, समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ट्रंप ने कहा, 'मैं समझता हूँ कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है।' एएनआई के अनुसार ट्रंप की यह प्रतिक्रिया उस सवाल पर आई जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या उनके दिमाग में कोई संख्या है कि कितनी पेनाल्टी भारत पर लगाई जाएगी या फिर वे पीएम नरेंद्र मोदी से बात करने वाले हैं।

ट्रंप ने इसी हफ्ते भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने रूस से कच्चा तेल और हथियार खरीदने को लेकर भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने का भी ऐलान किया था। यही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान के साथ 'तेल समझौते' की घोषणा करते हुए भारत पर तंज भी कसा था और कहा था कि 'हो सकता है कि वे (पाकिस्तान) किसी दिन भारत को तेल बेचें!' अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा था, 'हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जाने, हो सकता है कि वे किसी दिन भारत को तेल बेचें!'

इस बीच भारत ने स्पष्ट किया है कि 'भारत और रूस के बीच एक स्थिर और समय के साथ परखी गई साझेदारी है।' भारत ने ट्रंप की उन टिप्पणियों को भी खारिज किया जिसमें ट्रंप ने दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों पर बार-बार सवाल उठाए हैं। 

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, 'विभिन्न देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध अपने-अपने गुणों पर आधारित हैं और इन्हें किसी तीसरे देश के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। भारत और रूस के बीच एक स्थिर और समय के साथ परखी गई साझेदारी है।'