Gold Rate Photograph: (IANS)
नई दिल्ली: सोने की कीमतों ने सोमवार को नया रिकॉर्ड हाई बनाया और 24 कैरेट सोने का भाव पहली बार 99,178 रुपये के करीब पहुंच गया है। सोने की कीमतों में तेजी की वजह वैश्विक स्तर पर अस्थिरता और डॉलर की कमजोरी को माना जा रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के सबसे अधिक कारोबार वाले जून डिलीवरी अनुबंधों में शुरुआती कारोबार में 1,899 रुपये यानी करीब दो प्रतिशत की तेजी के साथ 99,178 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
बाद में जून अनुबंध 22,687 लॉट के ओपन इंटरेस्ट के साथ 1,601 रुपये या 1.65 प्रतिशत की तेजी के साथ 98,880 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। ऐसे में अगर आप सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो मंगलवार को घरेलू मार्केट में 3 फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज के साथ सोने की कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार निकल गई। वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ये 3475 डॉलर प्रति औंस तक जा पहुंची, जो इसका अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।
इस वजह से आया सोने में उछाल आया
सोने का अगस्त अनुबंध 1,848 रुपये यानी 1.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। इसके अलावा, अक्टूबर अनुबंध ने एमसीएक्स पर पहली बार एक लाख रुपये का आंकड़ा पार किया, जो 2,000 रुपये यानी दो प्रतिशत बढ़कर 1,00,484 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व में सुधार की योजना का खुलासा करने के बाद अमेरिकी मौद्रिक नीति को लेकर चिंताओं के कारण सोने में उछाल आया।
वैश्विक मोर्चे पर, सोने का वायदा भाव बढ़कर 3475 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच गया। बाद में, यह 65.42 डॉलर या 1.91 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3,490.72 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के जिंस के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा, “वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बढ़ने के बीच सोने की कीमतें पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 3,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गईं और घरेलू बाजारों में भी 97,000 के स्तर को पार कर गईं।”
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर
सोमवार को, ट्रंप ने फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती करने के अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा कि अगर फेडरल रिजर्व तुरंत ब्याज दरों में कटौती नहीं करता है तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था धीमी हो सकती है। बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण दुनिया भर के निवेशक सुरक्षित माने जाने वाले सोने में निवेश कर रहे हैं। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रणव मेर का कहना है, "सोने की कीमतों में तेजी जारी रही और यह थोड़े समय के लिए 3475 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई थी। टैरिफ को लेकर अनिश्चितता, कमजोर अमेरिकी डॉलर और बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के कारण सोने की कीमतों में मजबूती बनी हुई हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) की ओर से खरीदारी और भारत में आगामी त्योहारी मांग से भी सोने की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। मेर के मुताबिक, "व्यापारियों की नजर अमेरिका और उसके प्रमुख साझेदारों जैसे जापान, यूरोप और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर भी रहेगी, जिससे बाजार की दिशा के बारे में अधिक स्पष्टता मिल सकती है।"