कर्नाटक को दरकिनार कर लेंसकार्ट द्वारा तेलंगाना को चुनने पर क्या सफाई दे रही सिद्धारमैया सरकार?

पिछले कुछ सालों में कर्नाटक ओला, एथर एनर्जी और सेमीकंडक्टर कंपनियों जैसी बड़ी परियोजनाओं को खो चुका है।

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eyewear startup Lenskart chose Telangana for factory over karnataka Industry Minister expressed concern

कर्नाटक को झटका, लेंसकार्ट ने फैक्ट्री के लिए चुना तेलंगाना, उद्योग मंत्री ने जताई चिंता (फोटो- X@Lenskart_com)

हैदराबाद: आईवियर यानी चश्मा बनाने वाली कंपनी लेंसकार्ट ने कर्नाटक के बजाय तेलंगाना में अपनी फैक्ट्री लगाने का फैसला किया है। कंपनी का दावा है कि उसने यह फैसला तेलंगाना की अच्छी नीतियों और तेजी से काम करने की वजह से लिया है।

इससे कर्नाटक एक बड़ा निवेश पाने से चूक गया। इससे कर्नाटक सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं।

कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि उनकी सरकार जरूरत से ज्यादा प्रोत्साहन नहीं देती, क्योंकि इससे परियोजनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "हम केवल उतना ही समर्थन देते हैं, जितना जरूरी हो। ऐसा करना करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल है।"

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पाटिल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी सरकार उद्योगों के साथ लगातार बातचीत करती है और सुधारों पर काम कर रही है। लेकिन उन्होंने साफ किया कि सरकार निवेश से ज्यादा सुविधाएं नहीं दे सकती।

फैसला कर्नाटक के लिए नुकसान पहुंचाने वाला है

खबर के अनुसार, आरिन कैपिटल के चेयरमैन टीवी मोहनदास पई ने लेंसकार्ट के इस फैसले को कर्नाटक के लिए बड़ा नुकसान बताया। उन्होंने मंत्री पाटिल से अपील की कि वे तुरंत कदम उठाएं और इस निवेश को कर्नाटक में लाने की कोशिश करें।

जमीन देने की पेशकश के बावजूद कंपनी ने कर्नाटक से बना ली दूरी

खबर में बताया गया है कि कुछ समय पहले लेंसकार्ट के संस्थापक पीयूष बंसल ने बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास जमीन की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी थी। मंत्री पाटिल ने तुरंत जवाब दिया था और जमीन देने की पेशकश की थी। इसके बावजूद, यह परियोजना तेलंगाना चली गई।

सोमवार को तेलंगाना के मंत्री श्रीधर बाबू ने लेंसकार्ट की नई फैक्ट्री की जानकारी दी। यह फैक्ट्री हैदराबाद के फैब सिटी में बनेगी, जो चश्मे, लेंस, धूप के चश्मे और दूसरे प्रोडक्ट बनाएगी। साथ ही यह फैक्ट्री दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों में सामान निर्यात करेगी।

यह फैक्ट्री करीब 2,100 लोगों को नौकरी देगी। इसके अलावा कंपनी यहां एक रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) सेंटर खोलने की योजना भी बना रही है। मंत्री श्रीधर बाबू ने कहा कि यह तेलंगाना सरकार की नीतियों की सफलता का सबूत है, जो कंपनियों को तेजी से और आसान तरीके से काम करने में मदद करती हैं।

पिछले कुछ सालों में कर्नाटक ओला, एथर एनर्जी और सेमीकंडक्टर कंपनियों जैसी बड़ी परियोजनाओं को खो चुका है। राज्य के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने इस बारे में चिंता जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह गुजरात जैसे राज्यों को ज्यादा फायदा पहुंचा रही है।

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