ईपीएफओ ने क्लेम सेटलमेंट नियमों में क्या ताजा बदलाव किया है?

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What is the latest change made by EPFO ​​in claim settlement rules?

What is the latest change made by EPFO ​​in claim settlement rules?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने दावा निपटारे (क्लेम सेटमेंट) के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। अगर किसी ईपीएफओ सदस्य का निधन हो गया है और उसका आधार कार्ड पीएफ खाते से जुड़ा नहीं है या जानकारी गलत है, तो ऐसे मामलों में अब राहत मिल गई है। अब उनके नॉमिनी आधार कार्ड के बगैर भी अपने पीएफ खाते से राशि प्राप्त कर सकेंगे।

गौरतलब है कि  ईपीएफओ के सदस्यों की मृत्यु होने पर उनके आधार कार्ड की जानकारी को जोड़ने और जांचने में क्षेत्रीय अधिकारियों को काफी परेशानी हो रही थी। इससे नॉमिनी को भुगतान में देरी हो रही थी। ईपीएफओ के इस ताजा बदलाव से खाताधारकों को काफी राहत मिलने वाली है।

ईपीएफओ ने हाल ही में इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। ईपीएफओ के अनुसार, सदस्यों की मृत्यु होने पर उनके आधार कार्ड की जानकारी को जोड़ने और जांचने में क्षेत्रीय अधिकारियों को कई तरह की दिक्कतें आ रही थीं। ऐसी स्थिति में ईपीएफओ सदस्य के नॉमिनी को भुगतान करने में देरी हो रही थी। ईपीएफओ के अनुसार, चूंकि सदस्य की मृत्यु के बाद आधार कार्ड की जानकारी को ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए अब सभी मृत्यु के मामलों में आधार को लिंक किए बिना भौतिक आधार पर दावा सत्यापन को मंजूरी दे दी गई है।

क्षेत्रीय अधिकारी की अनुमति चाहिए

यानी अगर ईपीएफओ सदस्य का निधन हो गया हो और आधार पीएफ खाते से लिंक न हो या जानकारियों का मिलान न हो रहा तो ऐसे में अब उसके आधार नंबर के बिना भी नॉमिनी पीएफ खाते की रकम पा सकेंगे। यह सिर्फ क्षेत्रीय अधिकारी की अनुमति के बाद ही किया जा सकता है। इतना ही नहीं, ऐसे मामलों में धोखाधड़ी रोकने के लिए मृतक की सदस्यता और दावेदारों की भी जांच की जाएगी।

नियम कहां लागू होंगे?

ये नियम उन मामलों पर लागू होंगे जहां ईपीएफ यूएएन में सदस्य का विवरण सही है, लेकिन आधार डेटा में गलत है। वहीं, अगर आधार में विवरण सही है लेकिन यूएएन में गलत है, तो नॉमिनी को इसके लिए एक अलग प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

नॉमिनी को आधार जमा करने की अनुमति होगी

अगर किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है और उसने आधार कार्ड की जानकारी दर्ज नहीं कराई है, तो ऐसे में नॉमिनी का आधार कार्ड सिस्टम में सुरक्षित कर लिया जाएगा और उसे नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, अगर मृतक सदस्य ने नामांकन (नॉमिनी) नहीं किया है, तो परिवार के किसी भी सदस्य और कानूनी उत्तराधिकारी को अपना आधार कार्ड जमा करने की अनुमति दी जाएगी।

यहां दिक्कतें होती थीं

1. आधार में गलत विवरण या आधार में तकनीकी समस्याएं

2. आधार नंबर निष्क्रिय हो जाना

3. आधार का यूएएन में दर्ज विवरण से मेल नहीं खाना

इससे पहले ईपीएफओ ने शिक्षा, विवाह और आवास से जुड़े अग्रिम दावों के लिए स्वचालित निपटान (ऑटो-मोड सेटलमेंट) की शुरुआत की घोषणा की थी। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि यह स्वचालित प्रणाली बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के दावों का निपटारा करती है।

2020 में बीमारी के लिए अग्रिम राशि के लिए दावा निपटान की स्वचालित तरीका शुरू किया गया था। अब इस सीमा को बढ़ाकर ₹1,00,000/- कर दिया गया है। चालू वर्ष के दौरान, लगभग 2.25 करोड़ सदस्यों को इस सुविधा का लाभ उठाने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, ईपीएफओ ने लगभग 4.45 करोड़ दावों का निपटारा किया, जिनमें से 60% से अधिक (2.84 करोड़) दावे अग्रिम दावे थे। इस दौरान निपटाए गए कुल अग्रिम दावों में से लगभग 89.52 लाख दावों का निपटारा स्वचालित तरीके से किया गया।

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