न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दुनिया के 180 से ज्यादा देशों पर टैरिफ के ऐलान के बाद यहां के शेयर बाजार में हाहाकार मचा है। गुरुवार को वॉल स्ट्रीट में हड़कंप नजर आया और आलम ये रहा है कि कोविड महामारी के समय के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

समाचार एजेंसी असोसिएटेड प्रेस के अनुसार अमेरिका की 500 बड़ी कंपनियों के स्टॉक प्रदर्शन को दर्शाने वाले सूचकांक एसएंडपी-500 में 4.8% की गिरावट आई, जो एशिया और यूरोप के प्रमुख बाजारों की तुलना में अधिक है। यह गिरावट 2020 में कोविड महामारी के कारण अर्थव्यवस्था के चरमराने के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन था। इसके अलावा डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1,679 अंक या 4% की गिरावट आई और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में 6% की गिरावट आई।

एक दिन में 2 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया स्वाहा

एसएंडपी डॉव जोन्स इंडेक्स के एक वरिष्ठ सूचकांक विश्लेषक हॉवर्ड सिल्वरब्लैट के अनुसार बाजार से एक दिन में 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति साफ हो गई। कच्चे तेल से लेकर बड़ी टेक कंपनियों के शेयरों तक में गिरावट रही। अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्य में भी गिरावट आई। यहां तक ​​कि सोना भी, जो हाल ही में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, उसमें भी गिरावट आई। सबसे बुरी मार छोटी अमेरिकी कंपनियों पर पड़ी है। छोटे शेयरों वाला रसेल 2000 सूचकांक 6.6% गिरकर अपने उच्चतम रिकॉर्ड से 20% से अधिक नीचे आ गया है।

दुनिया भर के निवेशकों को पता था कि ट्रंप बुधवार देर रात टैरिफ को लेकर व्यापक ऐलान करने जा रहे हैं। इस वजह से हलचल कुछ दिन पहले से ही शुरू हो गई थी। एसएंडपी 500 इंडेक्स को पहले ही अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 10% नीचे आ गया था। हालांकि, सैंक्चुअरी वेल्थ की मुख्य निवेश अधिकारी मैरी एन बार्टेल्स के अनुसार ट्रंप ने तमाम अनुमानों के बावजूद अपने टैरिफ की घोषणा से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।

अमेरिका: महंगाई में 5% तक का इजाफा संभव

ट्रंप ने दुनिया भर के कई देशों से आयात पर 10% का न्यूनतम टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा चीन और यूरोपीय संघ जैसे कुछ देशों के उत्पादों पर कर की दर बहुत अधिक है। इंवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी यूबीएस के अनुसार यह 'संभव है कि टैरिफ का असर कुल मिलाकर, जो लगभग एक सदी में न देखा गया, उस स्तर का होगा। यूबीएस के अनुमान अनुसार इस साल अमेरिकी आर्थिक विकास 2 प्रतिशत अंकों तक गिरा सकता है और मुद्रास्फीति को 5% के करीब बढ़ा सकता है।