अमेरिका ने 6 भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, 'ईरान से तेल खरीद' पर बिफरा

अमेरिका ने कहा है कि वह ईरानी शासन पर तब तक अधिकतम दबाव डालना जारी रखेगा जब तक ईरान एक ऐसे समझौते को स्वीकार नहीं कर लेता जो 'क्षेत्रीय शांति और स्थिरता' को बढ़ावा देता है।

Donald Trump

Photograph: (AI/ Grok)

नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को भारत स्थित 6 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। अमेरिका ने कहा है इन कंपनियों पर ईरानी कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार और परिवहन में 'कथित संलिप्तता' के आरोप में यह कदम उठाया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और इंडोनेशिया में कई कंपनियों को ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बड़ी मात्रा में बिक्री और खरीद के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है।

प्रतिबंधों के बारे में विस्तार से बताते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, 'ईरानी शासन अपनी अस्थिरता पैदा करने वाली गतिविधियों के लिए धन जुटाने हेतु मध्य पूर्व में संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है। आज, संयुक्त राज्य अमेरिका उस राजस्व के प्रवाह को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहा है जिसका उपयोग ईरानी शासन विदेशों में आतंकवाद को समर्थन देने और अपने ही लोगों पर अत्याचार करने के लिए करता है। विदेश विभाग ईरानी पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों या पेट्रोकेमिकल व्यापार में लगी 20 संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है और 10 जहाजों की पहचान प्रतिबंधित संपत्ति के रूप में कर रहा है।'

इसमें आगे कहा गया है, 'सभी लक्ष्यों को कार्यकारी आदेश 13846 के अनुसार नामित किया जा रहा है, जो ईरान के संबंध में कुछ प्रतिबंधों को अधिकृत और फिर से लागू करता है।' विदेश विभाग ने आगे कहा कि 'कार्रवाई में विभिन्न क्षेत्राधिकारों में 13 संस्थाओं को नामित किया गया है, जो ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल के परिवहन, बिक्री और खरीद में शामिल हैं।'

बयान में कहा गया, 'ईरानी शासन के अवैध तेल निर्यात की तरह, ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों को अक्सर तीसरे देशों में बिचौलियों के जरिए भेजा जाता है ताकि उत्पादों के अंतिम खरीदारों तक पहुँचने से पहले उनकी मूल उत्पत्ति वाली जगह को छुपाया जा सके। आज की कार्रवाई उन बिचौलियों के साथ-साथ ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों के खरीदारों को भी निशाना बनाकर की गई है।'

भारत की किन 6 कंपनियों पर प्रतिबंध?

कंचन पॉलिमर्स: इस कंपनी को लेकर अमेरिका ने कहा है कि इसने तानाइस ट्रेडिंग (Tanais Trading) नाम की कंपनी से 1.3 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों, जिनमें पॉलीइथिलीन भी शामिल है, का आयात और खरीद की है। तानाइस ट्रेडिंग को भी प्रतिबंधित किया गया है।

अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (अलकेमिकल सॉल्यूशंस): यह एक पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी है जिसने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच कई कंपनियों से 84 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

रमणिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी (रमणिकलाल): यह भी एक पेट्रोकेमिकल कंपनी है जिसने जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से मेथनॉल और टोल्यून सहित 22 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड (जुपिटर डाई केम): इस पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी ने जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 49 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के टोल्यून सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड (ग्लोबल इंडस्ट्रियल): कंपनी ने कथित तौर पर जुलाई 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 51 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के मेथनॉल सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड: अमेरिका ने कंपनी पर बाब अल बरशा सहित कई कंपनियों से मेथनॉल जैसे ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स युक्त लगभग 14 मिलियन डॉलर मूल्य के शिपमेंट का आयात करने का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि इसकी शिपिंग तारीख अक्टूबर 2024 और दिसंबर 2024 के बीच की है।

इससे पहले इसी साल फरवरी में अमेरिका ने चार भारत स्थित कंपनियों - नवी मुंबई स्थित फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, दिल्ली-एनसीआर स्थित बीएसएम मैरीन एलएलपी और ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, और तंजावुर स्थित कॉसमॉस लाइन्स पर ईरानी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में कथित रूप से शामिल जहाजों के वाणिज्यिक या तकनीकी प्रबंधक होने की वजह से प्रतिबंध लगा दिया था।

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