न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ के घोटाले में हितेश और धर्मेश को EOW हिरासत में भेजा गया

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ के घोटाले में कोर्ट ने हितेश और धर्मेश को 21 फरवरी तक ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया है। इन दोनों की गिरफ्तारी शनिवार को पुलिस ने की थी।

Money Scam

Money Scam Photograph: (आईएएनएस)

मुंबई: आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले में मुख्य आरोपी जनरल मैनेजर हितेश मेहता और धर्मेश पौन को गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 21 फरवरी तक ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया।  

जानकारी के अनुसार, ईओडब्ल्यू ने रविवार को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले में डेवलपर धर्मेश पौन को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया है कि धर्मेश ने इस मामले में गबन किए गए 122 करोड़ रुपये में से 70 करोड़ रुपये लिए थे।

21 फरवरी तक हिरासत में पेश किया गया

आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, मुख्य आरोपी जनरल मैनेजर हितेश मेहता से धर्मेश को मई और दिसंबर 2024 में 1.75 करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 50 लाख रुपये मिले थे। इस मामले में पुलिस ने हितेश मेहता को लंबी पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया था। दोनों को आज (रविवार को) कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 फरवरी तक ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया गया।

ईओडब्ल्यू के अधिकारी के अनुसार, बैंक घोटाले मामले में आरोपी उन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुणभाई फरार हैं। दोनों की तलाश की जा रही है।

बता दें कि ईओडब्ल्यू के समन पर हितेश मेहता शनिवार को उसके दफ्तर पहुंचे थे। काफी देर तक चली पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू ने उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

ईओडब्ल्यू के डीसीपी मंगेश शिंदे ने शनिवार को बताया था कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि शिशिर कुमार घोष ने मुंबई के दादर थाने में हितेश मेहता के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। मेहता पर बैंक के 122 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।

122 करोड़ का घोटाला

घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक में 122 करोड़ रुपये का गबन किया। महाप्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया।

एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच मुंबई की ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरबीआई ने कहा था कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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