कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने सत्या नडेला और लिंक्डइन समेत 10 अन्य पर लगाया भारी जुर्माना, जानें पूरा मामला

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Corporate Affairs Ministry imposed heavy fine on Satya Nadella and LinkedIn and 10 others know whole matter

सत्या नडेला (Photo: X@satyanadella)

नई दिल्ली: भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क लिंक्डइन प्लेटफॉर्म पर भारी जुर्माना लगाया है। मंत्रालय ने लिंक्डइन इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला समेत आठ अन्य लोगों पर भी फाइन लगा है।

इन पर कंपनी अधिनियम 2013 के तहत लाभकारी स्वामित्व (एसबीओ) मानदंडों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है। आदेश के मिलने के 60 दिनों के भीतर इस पर अपील की जा सकती है।

लिंक्डइन पर जुर्माना लगने पर कंपनी ने एक बयान जारी किया है और कहा है कि आदेश की समीक्षा की जा रही है। बता दें कि साल 2016 में माइक्रोसॉफ्ट ने लिंक्डइन का अधिग्रहण कर लिया था। यह प्रोफेशनलों के लिए एक सोशल नेटवर्क साइट है जहां दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों के आलावा उनके सीईओ और कर्मचारियों का यहां पर अकाउंट हैं।

किन नियमों का उलंघन हुआ है

अनुभाग के अनुसार, कंपनियों को अपने महत्वपूर्ण लाभकारी मालिकों की पहचान करने और उनके बारे में जानकारी देने के लिए वे बाध्य हैं। ये वो लोग होते हैं जो कंपनी को चलाते हैं या फिर इसमें रुचि रखते हैं।

आरओसी ने पाया कि सत्या नडेला और लिंक्डइन के वैश्विक सीईओ रयान रोसलांस्की को लिंक्डइन इंडिया का एसबीओ माना जाता है। लेकिन अधिनियम की धारा 90(1) के तहत ये लोग अपने स्वामित्व को रिपोर्ट करने में फेल रहे हैं। मंत्रालय के 63 पन्नों के आदेश में यह कहा गया है कि कानून के उल्लंघन में इन पर जुर्माना लगाया गया है।

किस पर कितना लगा है जुर्माना

आदेश के अनुसार, लिंक्डइन इंडिया पर सात लाख का जुर्माना लगाया गया है। यही नहीं सत्या नडेला और रोस्लान्स्की हर एक पर दो दो लाख का जुर्माना लगाया गया है। इन के अलावा कीथ रेंजर डॉलिवर, बेंजामिन ओवेन ऑर्नडॉर्फ, मिशेल कैटी लेउंग, लिसा एमिको सातो, आशुतोष गुप्ता, मार्क लियोनार्ड नाड्रेस लेगास्पी और हेनरी चिनिंग फोंग पर भी फाइन लगया गया है।

आरओसी ने लिंक्डइन की भारतीय शाखा के पंजीकृत शेयरधारक और लाभकारी मालिक दोनों को प्रत्येक को ₹2,80,400 का भुगतान करने का आदेश दिया है।

जुर्माने पर लिंक्डइन ने क्या कहा है

मामले में लिंक्डइन के तरफ से एक बयान भी जारी हुआ है। कंपनी ने कहा है कि जिन देशों में हम काम करते हैं, हम वहां के कानूनों का पालन करते हैं। लिंक्डइन ने कहा है कि वे इस आदेश की समीक्षा कर रहे हैं और उसके आधार पर आगे का फैसला करेंगे।

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