चीन का निर्यात बढ़ा: टैरिफ युद्ध विराम का फायदा उठाने में जुटीं कंपनियां, अमेरिका और ASEAN को भेजे रिकॉर्ड ऑर्डर

चीन के निर्यातकों ने घरेलू मांग की कमजोरी और अमेरिका की सख्त नीतियों के बीच, पास के देशों में अपना माल भेजकर बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

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Photograph: (Social Media)

बीजिंग: चीन के निर्यात ने जून में फिर से रफ्तार पकड़ी है। चीन और अमेरिका के बीच एक अस्थायी टैरिफ युद्धविराम (tariff truce) का फायदा उठाने के लिए कंपनियों ने अगले महीने आने वाली समय सीमा से पहले तेजी से ऑर्डर भेजे। विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशियाई पारगमन केंद्रों (transit hubs) को किए गए शिपमेंट में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन से निर्यात में सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो मई की 4.8 प्रतिशत दर से भी ज्यादा है और रॉयटर्स द्वारा किए गए 5% के अनुमान को पीछे छोड़ गई। वहीं, आयात में भी 1.1 प्रतिशत की बढ़त देखी गई, जो मई में आई 3.4 प्रतिशत की गिरावट के ठीक उलट है।

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन, 12 अगस्त तक एक स्थायी व्यापार समझौते तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। विशेषज्ञों को डर है कि अगर यह डील नहीं होती तो फिर से 100% या उससे अधिक के भारी-भरकम टैरिफ लग सकते हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति शृंखलाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी।

चीन के निर्यातकों ने घरेलू मांग की कमजोरी और अमेरिका की सख्त नीतियों के बीच, पास के देशों में अपना माल भेजकर बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के वरिष्ठ विश्लेषक चिम ली ने बताया कि, "टैरिफ छूट खत्म होने से पहले कंपनियां तेजी से ऑर्डर भेज रही हैं, लेकिन अब इसमें थोड़ी सुस्ती आने लगी है। अमेरिका जाने वाले शिपमेंट की फ्रेट दरें भी घटने लगी हैं।"

 अमेरिका और ASEAN को निर्यात में जबरदस्त उछाल

अमेरिका और आसियान देशों को चीन का निर्यात जून में तेजी से बढ़ा। अमेरिका को किए गए निर्यात में महीने-दर-महीने 32.4% की वृद्धि दर्ज की गई, हालांकि सालाना आधार पर ये आंकड़े अब भी नकारात्मक हैं। वहीं, आसियान (ASEAN) देशों को निर्यात में 16.8% की बढ़त देखी गई, जो दर्शाता है कि चीन अब क्षेत्रीय बाजारों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। कुल मिलाकर चीन का व्यापार अधिशेष जून में बढ़कर 114.7 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जो मई में 103.2 अरब डॉलर था।

महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात-निर्यात में भी उल्लेखनीय तेजी देखी गई। रेयर अर्थ मेटल्स का निर्यात जून में 32% बढ़ा, जिससे यह संकेत मिला कि इस क्षेत्र में हाल में हुए समझौते असर दिखा रहे हैं। वहीं, सोयाबीन का आयात रिकॉर्ड 9.73 मिलियन टन तक पहुँच गया, जिसमें अधिकांश आपूर्ति ब्राजील से हुई। इसके मुकाबले अमेरिका से सिर्फ 724,000 टन सोयाबीन आयात किया गया। इसके अलावा, चीन का कच्चे तेल का आयात अगस्त 2023 के बाद सबसे तेज़ दर पर रहा, जबकि लौह अयस्क (Iron Ore) का आयात भी मई की तुलना में 8% अधिक रहा।

उधर, अमेरिका चीन पर सख्ती और बढ़ा रहा है। ट्रंप प्रशासन अब उन मालों पर भी टैरिफ लगा रहा है जो अन्य देशों से होकर अमेरिका आते हैं लेकिन मूल रूप से चीन से जुड़े होते हैं। वियतनाम के रास्ते ट्रांसशिपमेंट पर 40% टैरिफ और BRICS देशों से आयात पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी गई है। ये कदम चीन की आपूर्ति श्रृंखला को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

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