एलयूसीसी धोखाधड़ी मामले के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए सीबीआई जांच के आदेश

देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में शामिल एलयूसीसी स्कैम (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी) ने देश की सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए।

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Photograph: (IANS)

देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित एलयूसीसी धोखाधड़ी मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देखिए यह मामला काफी दिनों से चल रहा है। हमारे जो सामान्य परिवारों के लोग हैं, अपने जीवन भर की जो गाड़ी कमाई है, उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। हमने इससे पहले आज से लगभग दो महीने पहले आंदोलन करने वाले जो पीड़ित लोग थे, वह मिलने के लिए आए थे। हमने कहा था कि उसकी पूरी जांच राज्य स्तर पर भी करेंगे और किसी इंटरपोल जैसी एजेंसी की आवश्यकता होगी तो हम उसकी भी मदद लेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों और पुलिस विभाग की जांच करने के बाद गृह विभाग ने एक आकलन करके मुझे रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया है कि सीबीआई की जांच की जानी चाहिए। हमने उसे सीबीआई जांच के लिए अग्रसारित कर दिया है। हमारा यह मानना है कि यह जांच होने के बाद जो पीड़ित हैं, उनको न्याय मिलना चाहिए। उनकी जो जमा धनराशि है, वह मिलनी चाहिए।

सांसदों ने की इंटरपोल की मदद से आरोपियों को लाने की अपील

उत्तराखंड के सांसदों ने भी प्रदेश के हजारों गरीब और ग्रामीण निवेशकों की मेहनत की कमाई को ठगने वाले एलयूसीसी प्रोमोटर्स के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आग्रह किया कि इन अपराधियों को इंटरपोल की मदद से भारत लाकर न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए, ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय और उनकी धनराशि की वापसी सुनिश्चित की जा सके।

सांसदों ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच की संस्तुति पहले ही कर दी है। इस घोटाले में शामिल लोगों को सख्त सजा दिलाकर भविष्य में इस प्रकार की ठगी को रोका जाना अत्यंत आवश्यक है।

गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस मामले में कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को उनके कृत्य की सजा अवश्य मिलेगी। यह मामला सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि आम जनता के विश्वास से जुड़ा है और इसके समाधान के लिए सभी स्तरों पर गंभीर प्रयास किए जाएंगे।

गौरतलब है कि इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर ठगे गए निवेशक देहरादून समेत अन्य इलाकों में प्रदर्शन कर चुके हैं। कुछ दिन पहले दून में पीड़ित महिला निवेशकों ने जोरदार प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की थी। बीते एक साल से प्रदर्शन कर रहे निवेशकों को अब न्याय की उम्मीद जगी है।

देश के आठ राज्यों में फैला चिटफंड घोटाला

देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में शामिल एलयूसीसी स्कैम (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी) ने देश की सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए। इस मल्टी स्टेट स्कैम में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान सहित आठ राज्यों के हजारों निवेशकों, विशेषकर महिलाओं, से सैकड़ों करोड़ रुपए की ठगी की गई।

इस मामले में कोटद्वार में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। 1 जून 2024 को कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने दुगड्डा शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर आरडी खाता खोलने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस संबंध में कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा संख्या 142/24 दर्ज किया गया। पौड़ी पुलिस ने संबंधित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में आठ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और चार के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।

एलयूसीसी धोखाधड़ी मामले में देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें पौड़ी जिले में 4, टिहरी में 4, देहरादून में 2, रुद्रप्रयाग में 2 और उत्तरकाशी में 1 मुकदमा शामिल हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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