सात माह पहले एडटेक फर्म बायजू के सीईओ बनाए गए अर्जुन मोहन ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को कंपनी ने यह जानकारी दी। मोहन के इस्तीफे के बाद कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन कंपनी के दैनिक कामकाज को संभालेंगे। रवींद्रन ने कहा,“मोहन ने चुनौतीपूर्ण दौर में कंपनी को आगे बढ़ाया। हम उनके आभारी हैं।”
कंपनी ने अब अपने व्यवसाय को द लर्निंग ऐप, ऑनलाइन क्लासेस और ट्यूशन सेंटर व टेस्ट-प्रीप तक सीमित कर लिया है। कंपनी ने कहा कि इनमें से प्रत्येक इकाई को अलग-अलग लोग संचालित करेंगे।
रवीन्द्रन के अनुसार, “यह पुनर्गठन बायजूस 3.0 की शुरुआत का प्रतीक है।” नकदी संकट का सामना कर रही एडटेक कंपनी ने पिछले साल सितंबर में मोहन को अपने भारतीय परिचालन के सीईओ के रूप में पदोन्नत किया था।
बायजू की अब तक की कहानी
एक शिक्षक के घर जन्म लिए सीईओ बायजू रवींद्रन बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थे और इसी वजह से उन्हें विदेश जाकर पढ़ाई करने का मौका मिला है। छुट्टियों पर भारत आने पर वे अपने दोस्तों को क्लास देने लगे थे और यही से उनकी टीचिंग की शुरुआत हुई थी।
उनके पढ़ाने का तरीका काफी अलग था, जिसके कारण वह कम समय में काफी लोकप्रिय हो गए। उनका नाम इतना बढ़ गया था कि वे एक हफ्ते में नौ शहरों में जाकर पढ़ाने लगे थे।
अपनी लोकप्रियता को देखते हुए साल 2011 में बायजू ने ‘थिंक एंड लर्न’ नामक एक एप लॉन्च किया था। वे इस एप के जरिए कक्षा एक से बारहवीं कक्षा के छात्रों को पढ़ाते हैं। साल 2013 से कंपनी को फंडिंग भी मिलना शुरू हो गया था।
आरिन कैपिटल जैसे इंवेस्टरों ने बायजू में 66 करोड़ का निवेश किया था। इससे बायजू को काफी फायदा पहुंचा था। इसके बाद बायजू ने आकाश एजुकेशन सर्विसेस जैसे इंस्टीट्यूट का भी अधिकरण किया था।
सफलता के बाद विवादों में घिरा बायजू
बहुत ही कम समय में सफलता हासिल करने के बाद बायजू विवादों में घिरने लगा था। कंपनी पर नगदी संकट जैसी समस्या, कर्मचारियों के साथ शोषण और छात्रों के माता पिता को धमकाने का आरोप लगने लगा था।
इस बीच कंपनी पर ईडी का छापा भी पड़ा था जिसमें सीईओ बायजू के घर और ऑफिस से कई कागजात जब्त किए गए थे। बायजू का कंपनी के शेयरहोल्डर्स से भी विवाद चल रहा है जिससे उसे फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी ने बड़े पैमाने पर कई बार छंटनी भी की है जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ है। एक तरफ जहां बायजू छंटनी और लागत में कटौती कर रहा था वहीं दूसरी और वह मशहूर फूटबॉलर लियोनेल मेसी को कंपनी का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त कर रहा था।
इसे लेकर उसे काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। कंपनी के पास फंड की इतनी कमी हो गई थी कि उसने बेंगलुरु के ऑफिस को छोड़कर बाकी सभी दफ्तरों को बंद कर दिया है।
एजेंसी इनपुट के साथ