बजट 2024 में MSME, रोजगार और उच्च शिक्षा के लिए क्या है? निर्मला सीतारमण ने क्या घोषणाएं की हैं?

Budget 2024: निर्मला सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री अपना सातवां बजट पेश करते हुए कहा कि इस बार इसमें रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर फोकस है और ये 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए रोडमैप है।

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बजट 2024 में MSME, रोजगार और उच्च शिक्षा के लिए क्या है? निर्मला सीतारमण ने क्या घोषणाएं की हैं?

लोक सभा में बजट पेश करतीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को वित्त विर्ष 2024-25 के लिए आम बजट पेश कर दिया। बतौर वित्त मंत्री सीतारमण का ये सातवां बजट रहा। इस बजट में रोजगार और उच्छ शिक्षा को लेकर भी अहम ऐलान किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रोजगार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था। लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष ने बेरोजगारी को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साधा था। निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि इसमें रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर फोकस है और ये 2047 तक 'विकसित भारत' के लिए रोडमैप है। ऐसे में जानिए मोदी 3.0 के पहले बजट में रोजगार और उच्च शिक्षा पर क्या बड़ी घोषणाएं की गई हैं।

बजट 2024: MSME, रोजगार और उच्च शिक्षा पर बड़ी घोषणाएं

1. 10 लाख तक का लोन: निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में भारत के संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा देना का ऐलान किया। वित्त मंत्री के अनुसार केंद्रीय बजट 2024-25 में हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर हर साल 1 लाख छात्रों को सीधे ऋण राशि के 3% की वार्षिक ब्याज छूट के लिए दिए जाएंगे।

2. रोजगार के लिए तीन योजनाएं: रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की गई है। योजना ए के तहत पहली बार आने वाले शामिल होंगे। योजना बी में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन पर जोर होगा और योजना सी के तहत नियोक्ताओं को सहायता का प्रावधान है। इसमें पहली जॉब ज्‍वाइन करने वाले युवाओं के लिए 15 हजार की तीन किश्‍त सीधे ईपीएफओ अकाउंट में दिया जाएगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि पहली नौकरी वालों के लिए एक लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी। रोजगार की तीनों योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलने की बात कही गई है। इस ट्वीट को देखें-

3. मुद्रा ऋण की सीमा बढ़ाई गई: एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) सेक्टर को दबाव के दौरान बैंक ऋण आसानी से मिलता रहे, इसके लिए एक नई व्यवस्था की गई है। मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से 20 रुपये तक बढ़ाया जाएगा। खरीदारों को ट्रेडर्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ से घटाकर 250 करोड़ किया जाएगा। एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी- प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

4. 100 शहरों में औद्योगिक पार्क: 100 शहरों में या उसके आसपास निवेश के लिए तैयार 'प्लग एंड प्ले' औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्क को मंजूरी दी जाएगी। खनिजों के घरेलू उत्पादन, रिसाइकलिंग आदि के लिए 'खनिज मिशन' स्थापित किया जाएगा।

5. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण: इसके तहत पांच साल में 1000 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। भारत की शीर्ष कंपनियां पांच साल में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देंगी। साथ ही पांच हजार रुपये मासिक मानदेय के साथ 12 महीने की प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना भी शुरू होगी।

6. महिलाओं के लिए ऐलान: महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।'

इसके साथ ही देश के युवाओं के लिए इस बजट में वित्त मंत्री ने जो ऐलान किया है उसके अनुसार रोजगार व कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी पांच योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। इसमें 500 टॉप कंपनियों में पांच करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का प्रावधान भी है।

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