नई दिल्लीः देश में बेचे जा रहे गैर-मानक उत्पादों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के कई गोदामों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया है। सरकार ने रविवार को इस कार्रवाई की जानकारी दी।

उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने कहा कि मानक ब्यूरो ने लखनऊ, गुरुग्राम और दिल्ली जैसे शहरों में छापेमारी कर बड़ी संख्या में ऐसे उत्पादों को जब्त किया, जिन पर अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन नहीं था। यह कार्रवाई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर गैर-अनुपालक उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई।

लखनऊ में Amazon के गोदाम से 215 खिलौने और 24 हैंड ब्लेंडर जब्त

7 मार्च को लखनऊ स्थित अमेजन के गोदाम में की गई छापेमारी में 215 खिलौने और 24 हैंड ब्लेंडर जब्त किए गए, जो सभी मानक ब्यूरो प्रमाणन के बिना पाए गए। मंत्रालय ने कहा कि यह सभी उत्पाद उपभोक्ता सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हैं।

गुरुग्राम में अमेजन के एक अन्य गोदाम में फरवरी में हुई कार्रवाई के दौरान मानक ब्यूरो ने 58 एल्युमिनियम फॉयल, 34 मेटलिक वाटर बॉटल, 25 खिलौने, 20 हैंड ब्लेंडर, 7 पीवीसी केबल, 2 फूड मिक्सर और 1 स्पीकर जब्त किया। ये सभी उत्पाद बिना प्रमाणन के पाए गए।

इसी तरह, फ्लिपकार्ट के गुरुग्राम स्थित गोदाम जिसे इंस्टाकार्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड संचालित करता है- में छापे के दौरान 534 स्टेनलेस स्टील बॉटल (वैक्यूम इंसुलेटेड), 134 खिलौने और 41 स्पीकर जब्त किए गए, जिनमें भी बीआईएस प्रमाणन नहीं था।

 दिल्ली ठिकानों से हजारों उत्पाद बरामद

मानक ब्यूरो की जांच में यह भी सामने आया कि अमेजन और फ्लिपकार्ट पर बिक रहे कई गैर-प्रमाणित उत्पाद टेकविजन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए जा रहे थे। इस सुराग के आधार पर भारतीय मानक ब्यूरो ने दिल्ली में इस कंपनी की दो जगहों पर छापेमारी की।

यहाँ से 7,000 इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर, 4,000 फूड मिक्सर, 95 रूम हीटर और 40 गैस चूल्हे जब्त किए गए, जो सभी अनापेक्षित और गैर-प्रमाणित पाए गए। जब्त किए गए उत्पादों में डिजीस्मार्ट, एक्टिवा, इनालसा, सेलो स्विफ्ट और बटरफ्लाई जैसे ब्रांड शामिल हैं।

कानूनी कार्रवाई शुरू

मानक ब्यूरो ने स्पष्ट किया कि इन जब्ती अभियानों के बाद भारतीय मानक अधिनियम 2016 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। इसके तहत दोषी कंपनियों और विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और प्रमाणित उत्पाद ही मिलें।

सरकार ने इस छापेमारी को उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है और कहा है कि भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।