बैंक खाते में जोड़ सकेंगे 4 नॉमिनी...बैंकिंग कानून में क्या बदलाव होने जा रहे हैं?

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Banking Laws (Amendment) Bill 2024 Passed in Lok Sabha (Photo- Nirmala Sitharaman in Parliament)

निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो- IANS)

नई दिल्ली: लोकसभा में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक-2024 पारित हो गया है। इसे मंगलवार की कार्यवाही में ध्वनीमत से पारित किया गया। इसके साथ ही बैंकिंग से जुड़े कुछ नियम भी बदल जाएंगे। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि इससे बैंकिंग क्षेत्र और मजबूत होगा और ग्राहकों सहित निवेशकों के हित सुरक्षित होंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने के लिए बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक- 2024 पेश किया गया था।

बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक-2024: नियमों में क्या बदलाव होंगे?

- अब बैंक खाताधारकों को अपने खातों में अधिकतम चार नॉमिनी रखने की अनुमति मिलेगी। नॉमिनी बनाने के भी दो तरीके होंगे। एक विकल्प ये है कि सभी नॉमिनी को एक साथ तय हिस्सेदारी देना होगा। दूसरा तरीका ये होगा कि नॉमिनी को एक क्रम में रखना होगा। यह ग्राहक पर निर्भर होगा कि वह कौन सा विकल्प चुनता है।

- इसमें निदेशकों के लिए 'पर्याप्त ब्याज' सीमा को भी बदलने की बात कही गई है। इसे 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया जाएगा। वर्तमान सीमा लगभग छह दशक पहले तय की गई थी।

- निर्मला सीतरमण ने कहा कि यह संशोधन जमाकर्ताओं को क्रमिक या एक साथ नामांकन सुविधा का विकल्प देता है। लॉकर धारकों के पास केवल क्रमिक नामांकन का विकल्प होगा।

- इसमें सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़) का कार्यकाल 8 साल से बढ़ाकर 10 साल करने की बात कही गई है।

- इसमें केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में सेवा देने की अनुमति का भी प्रस्ताव है।

- इसमें वैधानिक लेखा परीक्षकों को भुगतान किए जाने वाले पारिश्रमिक को तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का प्रावधान है।

- इस विधेयक में बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक को रिपोर्टिंग डेट में बदलाव का भी प्रस्ताव है। नए नियमों में रिपोर्ट अब पखवाड़े, महीने या तिमाही के आखिरी दिन जमा करनी होगी। यह पहले से चले आ रहे दूसरे और चौथे शुक्रवार की समयसीमा में बदलाव होगा।

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