नई दिल्ली: यूपीआई ट्रांजैक्शन में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है। इसी के साथ एवरेज डेली वैल्यू इस वर्ष जनवरी के 75,743 करोड़ रुपए से बढ़कर अगस्त में 90,446 करोड़ रुपए दर्ज की गई है, जिसमें एसबीआई 5.2 अरब ट्रांजैक्शन के साथ शीर्ष प्रेषक सदस्य रहा। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। 

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, अकेले जुलाई में 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र डिजिटल पेमेंट में अग्रणी रहा। उसके बाद 5.5 प्रतिशत के साथ कर्नाटक और 5.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश का स्थान रहा।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'कुल वैल्यू ट्रांजैक्शन में पीयर-टू-मर्चेंट (पी2एम) ट्रांजैक्शन की हिस्सेदारी जून 2020 में 13 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2025 में 29 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि के दौरान, मात्रा के हिसाब से हिस्सेदारी 39 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गई है, जो डिजिटल पेमेंट और वित्तीय समावेशन में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।'

पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा यूपीआई का चलन

यूपीआई के नेतृत्व में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहे हैं, जो कैश इन सर्कुलेशन (सीआईसी) की संख्या से कहीं ज्यादा है। अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान मंथली एवरेज यूपीआई ट्रांजैक्शन 24,554 अरब रुपए है, जबकि सीआईसी की मंथली एवरेज वृद्धि 193 अरब रुपए है।

पैसे की खुदरा मांग (डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर यूपीआई और एटीएम निकासी) में, मूल्य में यूपीआई की हिस्सेदारी नवंबर 2019 में 40 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी 2021 में 62 प्रतिशत और मई 2025 में 91 प्रतिशत हो गई है। यह स्पष्ट संकेत है कि लोग नकदी की जगह यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

लगभग 300 प्रमुख मर्चेंट कैटेगरी कोड (एमसीसी) हैं और एनपीसीआई ने 29 प्रमुख एमसीसी के साथ शुरुआत की।रिपोर्ट में कहा गया है, 'एनपीसीआई ने सराहनीय काम किया है, लेकिन हमारा मानना है कि एनपीसीआई को कम से कम 100 प्रमुख एमसीसी का डेटा देना चाहिए।'

जुलाई 2025 में टॉप 15 मर्चेंट कैटेगरी अकाउंट का लेनदेन मात्रा के हिसाब से 70 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 47 प्रतिशत रहा। किराने का सामान ट्रांजैक्शन का 24.3 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 8.8 प्रतिशत रहा, जबकि डेट कलेक्शन एजेंसी कैटेगरी मूल्य के हिसाब से 12.8 प्रतिशत और मात्रा के हिसाब से केवल 1.3 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'डेट कलेक्शन एजेंसी कैटेगरी ट्रांजैक्शन अप्रैल 2025 के 80,789 करोड़ रुपए से बढ़कर जुलाई 2025 में 93,857 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि टिकट साइज 5,952 करोड़ रुपए से घटकर 5,817 करोड़ रुपए हो गया है।'