आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल अमेरिकी इतिहास के अब तक के सबसे बड़े शेयर बायबैक (शेयर पुनर्खरीद) की घोषणा की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल 110 अरब डॉलर मूल्य के शेयर बायबैक करने जा रही है। इसके साथ ही एप्पल अपने ही रिकॉर्ड तोड़ देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल ने साल 2018 में 100 अरब डॉलर के शेयर बायबैक किए थे। बिरिनी एसोसिएट्स के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी इतिहास में अब तक हुए 10 सबसे बड़े शेयर पुनर्खरीद में से 6 एप्पल के नाम हैं, जबकि बाकी 3 गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के रहे हैं।
एप्पल की शेयर बायबैक की घोषणा के बाद उसके शेयरों में शुक्रवार (3 मई) को 7% की उछाल आई। शेयरों में आई उछाल की वजह से वो निवेशक वापस लौट आए जिन्होंने कमजोर मांग और चीन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के डर से इस कंपनी के शेयरों को नजरअंदाज कर दिया था। शेयरों में तेजी के कारण एप्पल के मार्केट कैपिटलाइजेशन (बाजार पूंजीकरण) में लगभग 200 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई। और यह अब 2.86 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही 3 ट्रिलियन डॉलर वाली माइक्रोसॉफ्ट के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हो गई है।
अगर शुक्रवार के शेयर मूल्य को देखें, तो Apple अपनी पूरी बायबैक योजना को पूरा करने के लिए कंपनी के लगभग 4% शेयर वापस खरीद लेगी। एप्पल के अनुमान से पता चलता है कि कंपनी को भरोसा है कि नए प्रोडक्ट लॉन्च उसके प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ा देंगे। ये लॉन्च 7 मई को होने वाले iPad इवेंट से शुरू होंगे। पिछले कुछ महीनों में बिक्री धीमी रहने के कारण कुछ निवेशकों को शक होने लगा था कि क्या एप्पल अब भी उनके लिए फायदेमंद निवेश है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2024 तिमाही में एप्पल का रेवेन्यू में गिरावट आई है। यह 4.3 प्रतिशत गिरकर 90.8 अरब डॉलर रहा। एप्पल के रेवेन्यू में आईफोन का सबसे ज्यादा योगदान रहा। रेवेन्यू में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी आईफोन की रही। मार्च तिमाही में आईफोन ने करीब 46 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कम से कम 13 विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में एप्पल के शेयरों की कीमत $200 तक पहुंच सकती है। यह मौजूदा दाम से 15% ज्यादा है। बता दें कि अभी एप्पल के शेयर उसकी सालाना कमाई के अनुमान से 25 गुना ज्यादा दाम पर बिक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट के शेयर उसकी सालाना कमाई के अनुमान से 30.5 गुना ज्यादा दाम पर बिक रहे हैं। दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने के चलते माइक्रोसॉफ्ट इस साल के शुरू में दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई थी।
क्या होता है शेयर बायबैक?
जब कोई कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों से अपने शेयरों को वापस खरीदती है तो उसे शेयर बायबैक या शेयर पुनर्खरीद कहा जाता है। बायबैक के लिए कंपनियां ओपन मार्केट या टेंडर ऑफर रूट का सहारा लेती हैं। ऐसा करने से बाजार में उपलब्ध कंपनी के शेयरों की संख्या कम हो जाती है। पुराने शेयर रद्द कर दिए जाते हैं, लेकिन कंपनी की कुल पूंजी में कमी नहीं होती। बायबैक किए जाने के दौरान शेयरों की कीमत आमतौर पर बाजार मूल्य से अधिक होती है।
कंपनियां कई कारणों से बायबैक करती हैं, जैसे कि:
- बाजार में शेयर कम होने से बचे हुए शेयरों की कीमत बढ़ाना
- किसी बाहरी व्यक्ति को कंपनी पर पूरा नियंत्रण करने से रोकना
- बायबैक यह संकेत भी दे सकता है कि कंपनी के पास अच्छा खासा कैश मौजूद है और वह आने वाले समय में आर्थिक परेशानी में नहीं पड़ने वाली।
- इससे शेयरधारकों का भरोसा बढ़ सकता है और शेयर की कीमत भी बढ़ सकती है।
बायबैक प्रक्रिया ( शेयर पुनर्खरीद प्रक्रिया) दो तरीकों से की जाती है
-
निविदा प्रस्ताव (टेंडर ऑफर): कंपनी शेयरधारकों को एक निश्चित समय के अंदर अपने कुछ या सभी शेयर वापस बेचने का विकल्प देती हैं। इस प्रक्रिया को निविदा प्रस्ताव कहते हैं। कंपनी वर्तमान बाजार मूल्य से ज्यादा कीमत देकर (प्रीमियम देकर) शेयर वापस खरीदती है। यह प्रीमियम शेयरधारकों को शेयर बेचने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है।
-
खुले बाजार से खरीदारी (ओपन मार्केट): कंपनी लंबे समय के दौरान खुले बाजार से अपने शेयरों को वापस खरीद सकती है। कुछ कंपनियां पहले से ही एक शेयर पुनर्खरीद कार्यक्रम (शेयर रिपर्चेज प्रोग्राम) बना लेती हैं, जिसके तहत वे एक निश्चित समय या नियमित अंतराल पर शेयर खरीदती हैं।