ओला कैब्स और ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल ने शनिवार को यह ऐलान किया है कि ओला अब माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड प्लेटफॉर्म एज्योर को इस्तेमाल नहीं करेगी। अग्रवाल के अनुसार, अब से ओला कंपनी द्वारा बनाई गई क्रुट्रिम क्लाउड को यूज करेगी।

बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने 2016 में लिंक्डइन को खरीद लिया था। दरअसल, ओला के सीईओ ने यह फैसला तब लिया है जब उनके और प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क लिंक्डइन के बीच एक पोस्ट को हटाने को लेकर असहमति बनी थी।

यही नहीं अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन पर इतना भड़के हुए हैं कि उन्होंने और भी लोगों को माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड सर्विस को इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। ऐसे में उन्होंने एक्स पर कहा है कि जो कोई भी माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड सर्विस को छोड़कर उनके क्लाउड सर्विस क्रुट्रिम क्लाउड पर आएगा उन्हें साल भर फ्री की सेवा दी जाएगी।

भाविश अग्रवाल ने आगे क्या कहा

ट्वीट में अग्रवाल ने अमेरिकी टेक कंपनियों के रोल पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि कैसे ये कंपनियां हर एक चीज को अपने नियंत्रण में रखती है। उन्होंने कहा है कि वे चाहते है भारत खुद का अपना सोशल मीडिया बनाएं जो केवल भारतीय कानूनों का पालन करें और यूजर्स का डेटा क्रिएटर्स के पास ही हो न कि किसी कंपनी के पास हो।

उन्होंने विदेशी भुगतान प्रणाली (UPI) का जिक्र करते हुए इसके तर्ज पर भारत में भी टेक तैयार करने की बात कही है।

क्या है पूरा मामला

भविश अग्रवाल और लिंक्डइन के बीच शुरू हुआ विवाद माइक्रोसॉफ्ट पर आकर रुका। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ दिन पहले अग्रवाल ने लिंक्डइन के चैटबॉट से उनके बारे में सवाल पूछा था।

जवाब में लिंक्डइन चैटबॉट ने अग्रवाल को सर्वनाम "वे" से संबोधित किया था जिस पर वे भड़क गए थे। उन्होंने इसे 'सर्वनाम की बीमारी' बताया है और इसके जवाब को वे लिंक्डइन पर पोस्ट कर दिए थे। उन्होंने कहा है कि भारत में लोगों को इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है।

बाद में लिंक्डइन ने अग्रवाल के इस पोस्ट को अपने दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए इसे हटा दिया था जिसके बाद उन्होंने एक्स पर एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी और अपनी आपत्ति जताई थी। उन्होंने इसे "जागृत राजनीतिक विचारधारा" बताया है और इसे लेकर चिंता व्यक्त की है।

पहले भी अन्य कंपनी की सेवा को छोड़ चुके है अग्रवाल

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब भविश अग्रवाल ने किसी कंपनी के सर्विस लेने से इंकार किया हो। इससे पहले वे गूगल मैप्स को भी ऐसे ही छोड़ चुके हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने इससे पहले गूगल मैप्स की सेवाओं को लेने से मना कर दिया था अपने इन-हाउस ओला मैप्स पर स्विच कर लिया था।