नई दिल्लीः अदानी समूह एक बार फिर विवादों में है। अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट ने हलचल मचा दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिकी जांच एजेंसियां अदानी समूह से जुड़ी कंपनियों की गतिविधियों की जांच कर रही हैं। शक है कि गुजरात के मुंद्रा पोर्ट के जरिये ईरान से LPG (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) आयात की गई।
अदानी समूह ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया है। उन्होंने साफ किया कि किसी भी पोर्ट पर ईरान से माल नहीं आता। लेकिन इस खबर ने निवेशकों की चिंता बढ़ी दी। और इसका असर शेयरों पर साफ दिखा। अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 2.63 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) के शेयर 2.72 प्रतिशत टूटे।
इसके अलावा अदानी पावर, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी टोटल गैस और अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस जैसी कंपनियों के शेयरों में भी 1 से 2 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। इस पूरे घटनाक्रम का प्रभाव व्यापक बाजार पर भी पड़ा और निफ्टी 50 इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत की हल्की गिरावट देखी गई।
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ टैंकरों ने स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) स्पूफिंग तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें जहाज अपने एआईएस के डेटा को बदल देते हैं ताकि वे अपनी वास्तविक लोकेशन या स्रोत को छिपा सकें। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया कि अदानी समूह से जुड़े जहाजों की गतिविधियों में ऐसे संकेत मिले हैं जो प्रतिबंधों से बचने के लिए की जाती है।
अदानी समूह का आरोपों पर जवाब
इन गंभीर आरोपों के जवाब में अदानी समूह ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए इन्हें पूरी तरह से भ्रामक और निराधार करार दिया। समूह ने साफ किया कि उसके किसी भी पोर्ट पर ईरानी माल को हैंडल नहीं किया जाता और न ही वह ईरान से आने वाली खेप, ईरानी झंडा लिए हुए जहाज या ईरानी कंपनियों द्वारा प्रबंधित किसी भी पोत के साथ व्यापार करता है।
अदानी समूह ने यह भी स्पष्ट किया कि उसे किसी भी अमेरिकी जांच की कोई जानकारी नहीं है और उसने अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और प्रतिबंधों के पालन की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब अदानी समूह पहले से ही कुछ सौर ऊर्जा परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर जांच का सामना कर रहा है। इसके अलावा समूह के अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड्स में भी पहले गिरावट दर्ज की गई थी। इन ताजा आरोपों ने समूह की वैश्विक छवि और निवेशकों के विश्वास को फिर से चुनौती दी है।