नई दिल्ली: अदानी ग्रुप ने स्पष्ट किया है कि उसने या उसकी सहायक कंपनियों ने केन्या को लेकर कोई भी प्रेस रिलीज जारी नहीं किया है। अदानी ग्रुप ने कहा कि उसे लेकर कई फर्जी प्रेज रिलीज सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं। इसमें से एक ‘अदानी समूह ने निराधार आरोपों और धमकियों की निंदा की’ शीर्षक वाली एक विज्ञप्ति भी शामिल थी।
अदानी ग्रुप की ओर से कहा गया कि ऐसी गलत खबर को फैलाने वालों के खिलाफ कंपनी कानूनी कार्रवाई करेगी। कंपनी ने कहा कि कि ‘दुर्भावनापूर्ण इरादे और निहित स्वार्थ’ के चलते कुछ के द्वारा फर्जी प्रेस रिलीज को सर्कुलेट किया जा रहा है।
कंपनी के प्रवक्ता द्वारा जोर देते हुए कहा गया, ‘अदानी ग्रुप या फिर उसकी किसी अन्य सहयोगी कंपनी की ओर से केन्या से जुड़े बिजनेस को लेकर कोई प्रेस रिलीज नहीं जारी की गई है। हम इस कपटपूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं और सभी से आग्रह करते हैं कि इन फर्जी धोखाधड़ी वाली प्रेस रिलीज को पूरी तरह से नजरअंदाज करें।’
कंपनी ने साथ ही कहा कि मीडिया और इन्फ्लुएंसर्स को अदानी ग्रुप पर कोई न्यूज पब्लिश या ब्रॉडकास्ट करते समय उसके सोर्स को वेरिफाई कर लेना चाहिए। ग्रुप ने बताया कि उसकी सभी आधिकारिक प्रेस रिलीज उसके वेबसाइट पर मौजूद है।
फर्जी प्रेस रिलीज में क्या था?
अदानी ग्रुप के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी प्रेस रिलीज में कहा गया था, ‘अदानी समूह केन्या में हमारी चल रही परियोजनाओं को निशाना बनाकर प्रदर्शनों की हालिया धमकियों से बहुत परेशान है। ये निराधार आरोप न केवल हमारी प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक हैं, बल्कि देश की प्रगति में योगदान करने के हमारे प्रयासों में भी बाधा डालते हैं।’
इसी फर्जी प्रेस रिलीज में आगे कहा गया था कि केन्या के जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और केराको ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं को केन्याई सरकार द्वारा पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किया गया था। फर्जी विज्ञप्ति में आगे कहा गया, ‘उस पर लग रहे आरोप झूठे हैं।’
फर्जी विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, ‘अगर ये धमकियां मिलती रहीं तो हमारे पास उन सरकारी शेयरधारकों के नाम उजागर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जिन्हें हमारे निवेश से फायदा हुआ है। इसके अलावा हम उन व्यक्तियों के नाम भी प्रकाशित करेंगे, जिन्होंने हमारी कंपनी से पर्याप्त रिश्वत ली है।’ .
क्या है पूरी कहानी?
दरअसल, फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार एक केन्याई उच्च न्यायालय ने 10 सितंबर को केन्या की सरकार और भारत के अदानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड के बीच 1.85 बिलियन डॉलर के समझौते को निलंबित करने के निर्देश किए। इस सौदे को अमलीजामा पहनाने के बाद अदानी ग्रुप को नैरोबी के जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (JKIA) को 30 वर्षों तक संचालित करने का अधिकार मिल जाता। हालांकि, अदालत ने मामले में फैसला आने तक डील को आगे बढ़ाने पर रोक लगा दी। इन्हीं विवादों के बीच अदानी ग्रुप के नाम से फर्जी प्रेस रिलीज वायरल होने लगी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक नैरोबी में जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JKIA) को अदानी एयरपोर्ट को पट्टे पर देने को लेकर केन्या सरकार के खिलाफ कानूनी चुनौती दायर की गई है। केन्या में वकीलों की एक बॉडी सहित केन्या मानवाधिकार आयोग का तर्क है कि स्थानीय सरकार का यह कदम असंवैधानिक है।
इन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि, ‘रणनीतिक और लाभ देने वाले JKIA को एक निजी संस्था को पट्टे पर देना अतार्किक है और सुशासन, जवाबदेही, पारदर्शिता और सार्वजनिक धन के विवेकपूर्ण और जिम्मेदार उपयोग के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।’
इस बीच रविवार को ऐसी खबरें आईं कि केन्या ने अदानी समूह और अफ्रीकी विकास बैंक की एक इकाई को पावर ट्रांसमिशन लाइनें बनाने के लिए एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी रियायत दी है। राष्ट्रपति विलियम रूटो के मुख्य आर्थिक सलाहकार डेविड एनडी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह रियायत 1.3 बिलियन डॉलर की है।
एनडी ने लिखा, ‘केट्राको (KETRACO) के माध्यम से सरकार ने नई ट्रांसमिशन लाइनें बनाने के लिए अदानी और अफ्रीका50 को पीपीपी रियायतें प्रदान की हैं। वे अपनी प्रोजेक्ट टीमों की हायरिंग कर रहे हैं। इन ट्रांसमिशन लाइनों की लागत 1.3 बिलियन डॉलर है जिसके लिए हमें उधार लेने की ज़रूरत नहीं है।’ अफ्रीका50 अफ्रीकी विकास बैंक की एक इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट शाखा है।
हिंडनबर्ग के आरोपों को भी अदानी ग्रुप ने किया था खारिज
इससे पहले पिछले हफ्ते अदानी ग्रुप की ओर से शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को भी सिरे से खारिज किया गया है, जिसमें कहा गया था कि स्विट्जरलैंड प्रशासन द्वारा ग्रुप के कुछ खातों को फ्रीज किया गया है।
अदानी ग्रुप ने कहा, ‘यह आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन और आधारहीन हैं। ग्रुप के किसी भी खाते को स्विट्जरलैंड प्रशासन ने फ्रीज नहीं किया है और ना ही किसी स्विट्जरलैंड कोर्ट की कार्यवाही में अदानी ग्रुप जुड़ा है।’