नई दिल्ली: भारत में नौकरी को लेकर हुए एक सर्वे में यह पता चला है कि एंट्री लेवल में नौकरी की तलाश कर रहे हर 10 में सात युवा अच्छी सैलेरी और अन्य लाभ को ज्यादा त्वज्व दे रहे हैं। जॉब मैचिंग और हायरिंग प्लेटफॉर्म इंडीड के सर्वे के अनुसार, जॉब मार्केट में जनवरी-मार्च की तुलना में अप्रैल-जून तिमाही में एंट्री-लेवल हायरिंग में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
देश में एंट्री-लेवल हायरिंग करने वाले शहरों में 12.5 प्रतिशत के साथ बेंगलुरु सबसे आगे है। इसके बाद मुंबई 10 प्रतिशत और चेन्नई नौ फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है।
1,276 कंपनियां ने लिया है इसमें हिस्सा
इन महानगरों के अलावा अन्य शहर जहां पर अप्रैल-जून तिमाही में तेजी से हायरिंग हुई है उन में अहमदाबाद साढ़े आठ प्रतिशत, पुणे और हैदराबाद साढ़े सात प्रतिशत भी शामिल है। सबसे कम हायरिंग कोलकाता में देखी गई है जहां पर इस तिमाही में केवल एक फीसदी की नियुक्ति हुई है।
इस सर्वे को इंडीड ने वैलुवॉक्स की मदद से आयोजित किया था जिसमें 1,276 कंपनियां और 2,531 नौकरी चाहने वाले को शामिल किया गया था। इस सर्वे में बीपीओ ग्राहक सेवा, रिटेल, आईटी सेवाएं, बीएफएसआई, ईकॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सहित कई और उद्योग भी शामिल हुई थी।
नौकरी खोजने वाले इस चीज को देते हैं ज्यादा महत्व
सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि एंट्री-लेवल में नौकरी की तलाश करने वाले 76 फीसदी युवा अच्छे वेतन और काम के दौरान अन्य लाभ को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं। इस लेवल में नौकरी की तलाश करने वाले 53 प्रतिशत युवा ऐसे जो काम में उच्च वेतन और करियर में उन्नति के अवसर को ज्यादा महत्व देते हैं।
सर्वे में 47 फीसदी युवाओं ने सकारात्मक कार्य वातावरण पर जोर दिया है। जिस तरीके से एंट्री-लेवल में नौकरी की तलाश कर रहे युवा अपने पसंद को महत्व दे रहे हैं इससे नौ से पांच के जॉब करल्चर में तेजी से हो रहे बदलाव के और इशारा हो रहा है।
कंपनियां क्या कर रही हैं
कंपनियां अच्छी प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें कंपनी में बनाए रखने के लिए तरह-तरह के रणनीतियां बना रही हैं। इसके लिए कंपनियां उन्हें अच्छे वेतन और उनके करियर के विकास के लिए नए नए अवसर भी पेश कर रही है। सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि इस तिमाही में कंपनियां इन युवाओं को औसत वेतन लगभग 25 हजार दे रही है।
इंडीड इंडिया ने क्या कहा
अपने सर्वे पर बोलते हुए इंडीड इंडिया के सेल्स प्रमुख शशि कुमार ने कहा है कि अपने आईटी क्षेत्रों के जाने जाने वाले बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई जैसे मेट्रो शहर भारी संख्या में नए ग्रजुएट को अपने यहां नौकरी दे रहे हैं।
आईटी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियां कौशल-आधारित भर्ती के तरीकों को अपना रहे हैं। जॉब मार्केट में जहां कर्मचारियों को अच्छा सैलेरी मिलता है वे उस नौकरी को चुन लेते हैं, इसका समाधान करने के लिए कंपनियों ने अपने भर्ती रणनीतियों में सुधार किया है।
कौशल-केंद्रित नियुक्तियों पर जोर
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कंपनियां अब केवल तकनीकी कौशल पर ही नहीं ध्यान दे रही है बल्कि वे टीमवर्क, कम्यूनिकेशन और अन्य कौशल पर भी फोकस कर रही है। सर्वे में शामिल 76 फीसदी कंपनियां एंट्री लेवल नौकरियों के लिए उनकी पढ़ाई योग्यताओं से अधिक उनके कौशल को प्राथमिकता दे रही है।
भारत में नौकरियों पर क्या कहना है जानकारों का
हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा रहा है। चुनाव के दौरान इस मुद्दे को विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी उठाया था। देश में नौकरियों को लेकर रॉयटर्स के विशेषज्ञों के एक सर्वे जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था हो सकता है लेकिन अगले पांच वर्षों में पुरानी बेरोजगारी से निपटना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
जबरदस्त ग्रोथ रेट के बावजूद नौकरी में नहीं है इजाफा
मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जयति घोष ने कहा है कि भारत में एक अजीबो गरीब समस्या देखी जाती है जहां उसके ग्रोथ रेट में जबरदस्त उछाल की तो बात कही जाती है लेकिन नौकरियों में कोई इजाफा नहीं होता है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ने युवाओं से रोजगार और बेहतर जीवन का वादा देकर सत्ता में आए थे लेकिन तब से यह और भी खराब हो गया है।