नई दिल्ली: अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के बार्सालोघो शहर में पिछले महीने अल-कायदा के आतंकियों की ओर से किए गए नरसंहार को लेकर चौंकाने वाला अपडेट सामने आया है। दावा किया गया है कि उस घटना में कुछ घंटे के दौरान शहर में करीब 600 लोगों की हत्या कर दी गई थी। फ्रांसीसी सरकरा के सिक्यूरिटी असेसमेंट में यह दावा किया गया है। यह संख्या घटना के समय दिए गए आंकड़ों से दोगुनी है।
यह घटना 24 अगस्त को हुई थी जब बुर्किना फासो के सबसे दूरदराज के इलाकों मे से एक बार्सालोघो के बाहरी इलाके में लोग सेना और सरकार के आदेश पर अपनी सुरक्षा के लिए खाइयां खोद रहे थे।
अल-कायदा से जुड़े JNIM ने किया नरसंहार
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार अल-कायदा से संबंद्ध रखने और बुर्किना फासो में सक्रिय जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (जेएनआईएम) के आतंकियों ने मोटरसाइकिलों पर बरसलोघो के बाहरी इलाके में घुसते ही गोलीबारी शुरू कर दी थी। बाद में सोशल मीडिया पर जेएनआईएम के समर्थक अकाउंट द्वारा पोस्ट किए गए कई वीडियो से घटना की भयावता का पता चलता है।
वीडियो में दिखता है कि खाई की कई मृतक पड़े हुए हैं। मृतकों में से कई महिलाएं और बच्चे भी थे। वीडियो फुटेज में गोलियों की आवाज़ और पीड़ितों की चीखें भी सुनाई दे रही हैं।
Massacre in Burkina Faso left 600 dead, double previous estimates, according to French security assessment | CNN https://t.co/Q9RGEMnCTt
— Peter Rosengard (@peterrosengard) October 4, 2024
शव इकट्टठा करने में लगे तीन दिन
हमले में अपने परिवार के दो सदस्यों को खोने वाले एक शख्स ने बताया कि ‘जेएनआईएम के आतंकी पूरे दिन लोगों को मारते रहे।’ वहीं, आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा प्रोजेक्ट (ACLED) के अनुसार स्थानीय समुदाय को हमले के बाद तीन दिनों तक शवों को इकट्ठा करने में लगे।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के शुरुआती अनुमानों में घटना वाले दिन लगभग 200 मौतों की आशंका जताई गई थी। हालांकि अब फ्रांसीसी सरकार के सुरक्षा आकलन ने बताया कि मरने वालों की संख्या 600 तक हो सकती है। एसीएलईडी के अनुसार यह घटना बुर्किना फासो में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को दर्शाती है, जहां अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े जिहादी समूह लगातार कहर बरपा रहे हैं। इसकी वजह से अकेले इस साल लगभग 3,800 लोग मारे गए हैं।
बुर्किना फासो में आतंक और हिंसा
यह देश पश्चिमी अफ्रीका में स्थित है और चारों ओर से अन्य देशों से घिरा है। यानी ये एक लैंडलॉक देश है। बुर्किना फासो पहले फ्रांस के अधीन था। इसे 1960 में आजादी मिली। इसकी सीमा माली और नाइजर से मिलती है। इन इलाकों में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट, दोनों ही आतंकी ग्रुप के सदस्य सक्रिय हैं।
बुर्किना फासो आजादी के बाद से ही गरीबी और शासन में अस्थिरता की वजह से मुश्किलों का सामना करता रहा है। अभी यहां सैन्य शासन है। हालात ये हैं कि बुर्किना फासो के 50 से 60 फीसदी क्षेत्र उसी के कंट्रोल में नहीं है। इस पर इन्हीं आतंकियों ने कब्जा जमाया हुआ है और कई क्षेत्रों में एक तरह से समानांतर सरकार चलाते हैं। सैनिकों के साथ उनके संघर्ष में आम लोग भी पिसते हैं और यही वजह से आज बुर्किना फासो दुनिया में सबसे अधिक आतंकवाद से प्रभावित देशों की लिस्ट में शीर्ष पर है।
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) के अनुसार, 2024 में बुर्किना फासो दुनिया का नंबर एक सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश है। इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की रैंकिंग में देश ने 13 साल में पहली बार अफगानिस्तान और इराक को पछाड़ दिया।
जीटीआई के अनुसार साल 2023 में बुर्किना फासो में 258 आतंकवादी हमलों में लगभग 2,000 लोग मारे गए, जो वैश्विक स्तर पर सभी आतंकवादी घटनाओं में मौतों का एक चौथाई और इससे भी पिछले वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है। 20 साल से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।