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गाजा पर इजराइल के नियंत्रण का ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने किया विरोध, भड़के अमेरिकी राजदूत

नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने गाजा पर इजराइल के नियंत्रण की योजना का विरोध किया है। वहीं, स्टार्मर के स्टैंड का अमेरिका ने विरोध किया है। इजराइल पहुंचे अमेरिकी राजदूत ने स्टार्मर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में अगर वो (स्टार्मर) ब्रिटेन की अगुआई कर रहे होते तो नाजियों से हार गए होते। 

अमेरिकी दूत माइक हकबी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘क्या इजराइल से यह उम्मीद की जाती है कि वह हमास के सामने आत्मसमर्पण करे और उन्हें खाना खिलाए, जबकि इजरायली बंधकों को भूखा रखा जा रहा है? क्या ब्रिटेन ने नाजियों के आगे घुटने टेक दिए और उन्हें खाना पहुंचाया? अगर आप तब (द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान) प्रधानमंत्री होते तो ब्रिटेन जर्मन भाषा बोल रहा होता।’

इजराइल के लिए बढ़ रही कूटनीतिक चुनौती

दरअसल, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट की ओर से गाजा पर नियंत्रण को लेकर स्वीकृत की गई योजना की कई देशों ने निंदा की है। इजराइल के इस कदम की जानकारी मिलने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

स्टार्मर ने कहा था, ‘इस कार्रवाई से इस संघर्ष को समाप्त करने या बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कोई मदद नहीं मिलेगी। इससे केवल रक्तपात बढ़ेगा।’

स्टार्मर ने पिछले महीने फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की थी। कुछ ही दिन पहले फ्रांस ने कहा था कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा, इसलिए इजराइल की कूटनीतिक चुनौती बढ़ रही है। 

फिलिस्तीन पर ब्रिटेन के रुख से इजराइल को झटका!

ब्रिटिश पीएम ने इजराइल से गाजा में युद्धविराम करने और द्वि-राज्य समाधान निकालने की बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘फिलिस्तीनी लोगों ने भयानक कष्ट सहे हैं। गाजा में सहायता उपलब्ध न होने के कारण हम भूख से मरते हुए ,खड़े होने में असमर्थ बच्चों की तस्वीरें देख रहे हैं। यह कष्ट अब समाप्त होना चाहिए।’

स्टार्मर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी संबंध बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है और उन्हें अगले महीने राजा चार्ल्स तृतीय द्वारा आयोजित राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है।

गुरुवार को इजराइल में ब्रिटिश राजदूत साइमन वाल्टर्स ने कहा कि इजराइल का पूरे गाजा पर कब्जा करना एक बहुत बड़ी भूल होगी। उन्होंने अमेरिका और इजरायल के उन आरोपों का खंडन किया कि ब्रिटेन द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की योजना से हमास को लाभ होगा।

वाल्टर्स ने कहा, ‘आईडीएफ ने गाजा में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब और लड़ाई लड़कर उसे कुछ हासिल होने वाला नहीं है। युद्ध को और आगे बढ़ाने से सिर्फ और मौतें होंगी, सैनिकों की मौतें, फिलिस्तीनियों की मौतें, और शायद बंधकों की भी मौतें।’

उन्होंने कहा कि अगर इजराइल हमास को हराना चाहता है, तो वह सिर्फ सैन्य ताकत से ऐसा नहीं कर सकता। इसके लिए राजनीति और कूटनीति की जरूरत है, और गाजावासियों को हमास का विकल्प देना होगा।

IANS
Indo-Asian News Service (IANS) भारत की एक निजी समाचार एजेंसी है। यह विभिन्न विषयों पर समाचार, विश्लेषण आदि प्रदान करती है।

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