नई दिल्लीः भारत और रूस की साझा कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल करते हुए घोषणा की है कि कंपनी की तकनीकी रिक्तियों में कम से कम 15 प्रतिशत पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे। इसके अलावा, प्रशासनिक और सुरक्षा से जुड़े आधे पदों – जिनमें आउटसोर्सिंग के कार्य भी शामिल होंगे – को भी अग्निवीरों के लिए रखा जाएगा।
फर्स्टपोस्ट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि यह कंपनी न केवल नियमित अनुबंधों के तहत अग्निवीरों को रोजगार देगी, बल्कि उन्हें आउटसोर्सिंग अनुबंधों में भी शामिल किया जाएगा। दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल बनाने वाली इस कंपनी ने अग्निवीरों के लिए नौकरी आरक्षित करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने का गौरव प्राप्त किया है।
अग्निवीरों को ब्रह्मोस में क्यों शामिल किया जा रहा है?
ब्रह्मोस एयरोस्पेस केवल अपनी कंपनी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह अपने कंपनी साझेदारों को भी प्रोत्साहित कर रही है कि वे अपनी कार्यबल में कम से कम 15 प्रतिशत पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित करें। ब्रह्मोस के 200 से अधिक कंपनी भागीदारों को अग्निवीरों को मौका देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अग्निवीरों को शामिल करने का निर्णय 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत लिया गया, जिसमें युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाता है। इस दौरान उन्हें सैन्य रणनीति, तकनीकी कौशल, और अन्य महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल दिनकर राणे ने अग्निवीरों की भर्ती की वजह बताते हुए कहा, “अग्निवीर पहले से ही प्रशिक्षित और अनुशासित होते हैं, इसलिए हमें उनके लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण पर खर्च नहीं करना पड़ेगा। सशस्त्र बलों में वे कड़ा प्रशिक्षण और आवश्यक कौशल पहले ही प्राप्त कर चुके होंगे।” राणे ने यह भी कहा कि अग्निवीरों की भर्ती से ब्रह्मोस में एक और भी बेहतर प्रशिक्षित और अनुशासित कार्यबल तैयार होगा, जो कंपनी की दक्षता को और बढ़ाएगा।
ब्रह्मोस के डिप्टी सीईओ डॉ. एसके जोशी ने क्या कहा?
ब्रह्मोस के डिप्टी सीईओ डॉ. एसके जोशी ने कहा कि 250 से अधिक भारतीय रक्षा उद्योग ब्रह्मोस के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि अन्य भारतीय रक्षा और कॉर्पोरेट उद्योग भी ब्रह्मोस की इस पहल का अनुसरण करेंगे।
डॉ. जोशी ने उम्मीद जताई कि अग्निवीरों का पहला बैच पास होने के बाद भारतीय रक्षा उद्योग से जोरदार प्रतिक्रिया मिलेगी। अतुल राणे का भी कहना है कि ब्रह्मोस अपने विक्रेताओं से आग्रह करेगा कि वे अपने कार्यबल में कम से कम 15 प्रतिशत पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित रखें। यह कदम उनकी निविदाओं में “वांछनीय विशेषताओं” के तहत शामिल किया जाएगा, ताकि ब्रह्मोस के साथ काम करने की योजना बना रहे लोग अग्निवीरों को अवसर दें।
अग्निवीरों के लिए कहाँ-कहाँ आरक्षण
वर्तमान में, अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही, कुछ शारीरिक परीक्षणों से उन्हें छूट भी मिलती है। हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण और उद्योगों को सब्सिडी देने का प्रावधान किया है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र बलों (पीएसी) में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है।