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मराठा आंदोलन पर बॉम्बे हाई कोर्ट सख्त, मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली करने का आदेश

मराठा आंदोलन को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली करने का आदेश दिया है। सीएम फड़नवीस ने कहा है कि वह हाई कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।

Maratha Protest: बॉम्बे हाई कोर्ट ने आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को कड़ी फटकार लगाई है, क्योंकि इस आंदोलन से मुंबई में बीते 2-3 दिनों से यातायात बाधित हो रही थी। हाई कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को कल यानी 2 सितंबर की दोपहर तक धरना स्थल खाली करने का आदेश दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि कोर्ट के आदेश का पालन हो।

दरअसल मनोज जरांगे पाटिल की मांग है कि मराठा समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कैटेगरी में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए और उन्हें खेती करने वाली ‘कुनबी’ जाति के तौर पर मान्यता दी जाए। उनका कहना है कि सरकार के पास 58 लाख मराठाओं को ‘कुनबी’ साबित करने वाले रिकॉर्ड हैं और यह मांग पूरी तरह से संवैधानिक है।

कब शुरू हुआ था मराठा आरक्षण आंदोलन?

27 अगस्त को इसे लेकर आंदोलन शुरू हुआ। ये आंदोलन 29 अगस्त से और तेज हो गया, जब पाटिल ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। रविवार को उन्होंने घोषणा की कि सरकार की देरी के विरोध में वो जल ग्रहण करना बंद कर देंगे। मनोज जरांगे पाटिल ने घोषणा की थी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वो मुंबई नहीं छोड़ेंगे।

इस व्यापक आंदोलन में हजारों प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई में प्रवेश किया। इससे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), फोर्ट, चर्चगेट और मंत्रालय के आसपास के प्रमुख मार्ग बाधित हो गए। CSMT से क्रॉफर्ड मार्केट तक डॉ. डीएन रोड पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई थी। सिर्फ जेजे ब्रिज के जरिए रास्ता बदला जा रहा था।

इसके अलावा धोबी तालाब मेट्रो जंक्शन के पास महापालिका मार्ग को दोनों दिशाओं में बंद कर दिया गया। इससे बीएमसी मुख्यालय, एस्प्लेनेड कोर्ट और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) मेट्रो तक पहुंच में समस्या आ रही थी। इसके अलावा भी मुंबई के अलग-अलग जगहों में सड़कों से जुड़ी समस्याएं आ रही थीं।

बॉम्बे हाई कोर्ट की पीठ ने क्या कहा?

सोमवार 1 सितंबर को भी शहर के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर भारी जाम लगा रहा। इसी स्थिति का संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 1 सितंबर को मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि स्थिति गंभीर है और मुंबई शहर व्यावहारिक रूप से ठहर सा गया है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंखड की पीठ ने कहा, “हम मनोज जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को स्थिति को तुरंत सुधारने का अवसर दे रहे हैं। मंगलवार, 2 सितंबर की दोपहर तक सड़कें खाली हो जाएं और साफ हो जाएं।”

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बॉम्बे हाई कोर्ट कल 2 सितंबर की दोपहर तीन बजे इस मामले में आगे की सुनवाई करेगी। ताकि ये देखा जा सके कि उसके आदेशों का पालन किया गया है या नहीं।

इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि कोर्ट के आदेश का पालन हो। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच मुंबई में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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