Friday, October 17, 2025
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‘इमरजेंसी’ पर बॉम्बे हाई कोर्ट का सेंसर बोर्ड को निर्देश- 23 सितंबर तक फैसले लें…सर्टिफिकेट देंगे या नहीं

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाने को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने मामले पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा, ‘यह कोई डॉक्युमेंट्री नहीं है…क्या सीबीएफसी को लगता है कि देश में जनता इतनी भोली और मूर्ख है कि जो कुछ भी देखती है उस पर विश्वास कर लेती है? क्रिएटिव फ्रीडम के बारे में क्या?’

कोर्ट ने सीबीएफसी को कहा कि वह 23 सितंबर तक ये फैसला ले कि वो फिल्म के लिए सर्टिफिकेट जारी करेगी या नहीं। सीबीएफसी के खिलाफ जी (Zee) इंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज की ओर से डाली गई याचिका पर बॉम्बे हाई ने सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए। जी इंटरटेनमेंट ने याचिका में आरोप लगाया है कि सीबीएफसी गैरकानूनी तरीके से ‘इमरजेंसी’ फिल्म के सर्टिफिकेट को रोक रखा है।

इससे पहले सीबीएफसी ने सुनवाई के दौरान उन दृश्यों की समीक्षा के लिए समय मांगा, जिन पर कुछ सिख समूहों ने आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने कहा, ‘यह एक आशंका है। वे (फिल्म निर्माता) संभवत: एक अस्वीकरण डाल सकते हैं। इन चीजों को रोकना होगा अन्यथा हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पूरी तरह से अंकुश लगा रहे हैं।’

कोर्ट ने सीबीएफसी से कहा, ‘हम चाहते हैं कि पुनरीक्षण समिति सोमवार तक यह काम कर ले। आप सोमवार तक फैसला लें कि आप इसे रिलीज करना चाहते हैं या नहीं।’

जस्टिस बीपी कोलाबावाला की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा, ‘वर्तमान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला है जो कहता है कि यदि कोई कानून और व्यवस्था की समस्या है, तो इसका ध्यान रखना कानून और व्यवस्था का काम है, न कि सीबीएफसी का कि वह कानून और व्यवस्था की स्थिति देखते हुए फिल्म के सर्टिफिकेशन पर फैसला ले।’

यह भी पढ़ें- कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर क्या है विवाद, सिख समुदाय क्यों बैन की कर रहा मांग?

6 सितंबर को पहले रिलीज होनी थी फिल्म

यह फिल्म 6 सितंबर को बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली थी। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 सितंबर को सेंसर बोर्ड को 18 सितंबर तक सिख निकायों, समूहों या व्यक्तियों के किसी भी प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का आदेश दिया था, जिन्हें फिल्म ‘इमरजेंसी’ की 6 सितंबर की रिलीज पर आपत्ति है।

यह फिल्म 1975-1977 के बीच देश में लगाए गए आपातकाल की कहानी पर आधारित है। कंगना ने फिल्म में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। इसमें अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, मिलिंद सोमन, सतीश कौशिक, विशाक नायर जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है।

फिल्म पर विवाद के बीच कंपना ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘हमें इतिहास दिखाना होगा। लगभग 70 साल की एक महिला को उसके घर में 30-35 गोलियां मारी गईं। किसी ने उसे मार डाला होगा। आखिर उस महिला की मृत्यु कैसे हुई? तो मैंने कहा, चलो दीवार पर एक प्लेट लगा दें कि वह मर गई क्योंकि उसे आसमान में गोली मारी गई थी। वे एक कलाकार की आवाज और मेरी क्रिएटिव फ्रीडम को दबाने जा रहे हैं। कुछ लोगों ने अपनी बंदूक उठा ली है, लेकिन हम बंदूक से नहीं डरते हैं।’

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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