पटना: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बिहार के छात्रों के साथ हुई मारपीट मामले में बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने पश्चिम बंगाल के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र के जरिए पूरे मामले की जानकारी मांगी है और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में भी पूछा है।
बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘मामले के संबंध में कहना है कि आज 26 सितंबर 2024 को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें तथाकथित रूप से बिहार से परीक्षा देने गए छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित होने से मना करते हुए उनके साथ मारपीट तथा दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है। वायरल वीडियो सिलीगुड़ी का बताया जा रहा है। इस वायरल वीडियो को मेरे द्वारा आपके व्हाट्सएप नंबर पर भी फॉरवर्ड किया गया है।’
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, ‘आपसे अनुरोध है कि इस संबंध में बिहार के छात्रों की सुरक्षा हेतु तथा इस घटना के संबंध में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाए।’
बिहार के छात्रों के साथ हुई मारपीट के मामले में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी ने भी पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से बात की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बिहार के छात्रों के साथ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुई पिटाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग छात्रों के कमरे में जबरन घुसते हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। यही नहीं, कुछ उनसे डॉक्यूमेंट्स भी मांगते हैं। जब छात्र इस बात का विरोध करते हैं तो वह उनसे कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाते हैं।
इस घटना के सामने आने के बाद बंगाल में ममता बनर्जी सरकार को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। भाजपा ने निशाना साधा है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी तेजस्वी यादव से लेकर राहुल गांधी से सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या वे इस मामले में ममता बनर्जी से दोषियों के खिलाफ जल्द और कड़ी कार्रवाई की करने को कहेंगे।
“Only locals of Bengal can take this test…” : In a shameful viral video two students from Bihar could be seen humiliated and attacked for attending for appearing and choosing Exam Centre in West Bengal.
Next what Visa required ? pic.twitter.com/g0LTokBjry
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 26, 2024
मामले में दो आरोपी गिरफ्तार
मामले के तूल पकड़ने के बाद सिलीगुड़ी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक का नाम राजीव भट्टाचार्य और दूसरे का नाम गिरिधारी रॉय है। दोनों सिलीगुड़ी के रहने वाले हैं। ये बात सामने आई है कि राजीव भट्टाचार्य ‘बांग्ला पोक्खो’ नाम के कट्टरवादी संगठन से जुड़ा है। यह संगठन बंगाली भाषा और पहचान की बात करता है। इस संगठन ने पहले भी बंगाल में हिंदी में लिखे साइनबोर्ड को मिटाने का अभियान चलाया था।
इस बीच बांग्ला पोक्खो के महासचिव गार्गा चटर्जी ने एक वीडियो संदेश जारी कर आरोप लगाया कि राज्य के बाहर के युवाओं को पश्चिम बंगाल के फर्जी डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक रैकेट पिछले तीन सालों से काम कर रहा है। भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह पश्चिम बंगाल के वास्तविक निवासियों को बीएसएफ, सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय बलों में नौकरियों के लिए आवेदन करने से वंचित किया जा रहा है।
चटर्जी ने कहा, ‘कोई व्यक्ति किसी राज्य में 10 साल तक निवास करके डोमिसाइल कोटा का हकदार हो सकता है। इन युवाओं ने अपने संबंधित राज्य बोर्डों से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा और प्लस टू परीक्षा उत्तीर्ण की है और फर्जी तरीकों से डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्राप्त किया था। स्थानीय पुलिस इस मुद्दे पर आंखें मूंदे हुई है। यदि आप इन लोगों के स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और मार्कशीट की जांच करेंगे समझ में आ जाएगा कि वे कभी भी पश्चिम बंगाल के निवासी नहीं थे।’
चटर्जी ने कहा कि यह घटना बुधवार को सिलीगुड़ी में हुई थी। चटर्जी ने दावा किया कि जो स्थानीय लोग युवकों के दस्तावेज देखने गए थे, उन्होंने उनके साथ धक्का-मुक्की नहीं की और केवल उनसे अपने दस्तावेज दिखाने के लिए कह रहे थे लेकिन युवक बहस करते रहे।
तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा है?
दूसरी ओर इस घटना पर तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल देश के प्रत्येक नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकारों में विश्वास करता है और यहां कभी भी किसी का उत्पीड़न नहीं होने देगा।
उन्होंने कहा, ‘कुछ बातचीत चल रही थी, कुछ लोग कागजात देखना चाहते थे। हम अधिक डिटेल्स प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। लेकिन मैं दोहराता हूं, कई लोग नौकरियों की तलाश में पश्चिम बंगाल आते हैं और हमारे राज्य से कई लोग बिहार और अन्य हिस्सों में भी जाते हैं। हमारी सरकार हर किसी का स्वागत करती है, ऐसा कुछ भी नहीं है।’
घोष ने आगे कहा कि हालांकि ऐसी खबरें आई हैं कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों को भी भाजपा शासित राज्यों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और यहां तक कि उन्हें पीट-पीट कर मार डाला गया लेकिन न तो टीएमसी और न ही राज्य सरकार ने विरोध दर्ज कराने के अलावा इस मुद्दे का कभी राजनीतिकरण किया क्योंकि हम मानते हैं कि भारत सभी का है। कोई भी नागरिक देश में कहीं भी जा सकता है।
एनडीए नेताओं ने ममता बनर्जी सरकार पर उठाए सवाल
घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने एक्स पर लिखा कि ‘बंगाल में रोहिंग्या मुसलमान के लिए रेड कारपेट और परीक्षा देने गए बिहार के बच्चे के साथ मारपीट? क्या ये बच्चे हिंदुस्तान के अंग नहीं? क्या ममता सरकार ने सिर्फ बलात्कारियों को बचाने का ठेका ले रखा है?’
इसके अलावा जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी घटना को लेकर बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वहां कोई सरकार और कानून नहीं है और अराजकता की स्थिति है।
#WATCH पटना (बिहार): पश्चिम बंगाल में बिहार निवासी की पिटाई पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, “बंगाल में कोई कानून है क्या? बंगाल में कोई कानून नहीं है और ना ही कोई सरकार है। बंगाल में अराजकता की स्थिति है इसलिए बंगाल की सरकार को एक मिनट भी सत्ता में रहने का हक… pic.twitter.com/TPpQKvU3Wn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2024
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बिहारी छात्रों से बर्बरतापूर्ण मारपीट की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। वहां की मुख्यमंत्री ने फिर एक बार बिहारियों का अपमान किया है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
चिराग पासवान ने विपक्ष पर भी सवाल खड़े किए और कहा, ‘मैं ममता बनर्जी जी से पूछना चाहता हूं कि क्या पश्चिम बंगाल में परीक्षा देना भी गुनाह है ? क्या अब भी विपक्षी दल के नेता चुप्पी साधे रहेंगे? मैं पूछना चाहता हूं बिहार के नेता प्रतिपक्ष से कि अब आप किस हक से तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करेंगे। मैं माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार से आग्रह करता हूं कि मामले की गहन जांच करा कर दोषियों पर विधिसम्मत कार्रवाई करें।’
लालू की पार्टी राजद ने क्या कहा
इस पूरी घटना को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता शक्ति सिंह ने मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी बिहारियों के साथ किसी भी राज्य में होने वाले अत्याचार के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाती रही है। उन्होंने कहा कि लालू यादव और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी ने मामले में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।