पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के नतीजे चुनाव आयोग जारी कर रहा है। रुझानों में एनडीए गठबंधन को बढ़त मिली है और महागठबंधन पिछड़ता दिखाई दे रहा है। वहीं, पहली बार चुनाव में उतरी प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी कुछ खास कमाल नहीं कर सकी है।
ऐसे में पार्टी का प्रदर्शन देखते हुए भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।
प्रशांत किशोर ने क्या की थी घोषणा?
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि जेडीयू 25 सीटों से आगे नहीं जा पाएगी। किशोर ने कहा था यह 25 से नीचे ही रहेगी और अगर इससे आगे गई तो वह इस्तीफा दे देंगे। ऐसे में प्रशांत किशोर की इस भविष्यवाणी के बाद जेडीयू समर्थकों ने आक्रमक रूप से वोटिंग की जिसका फायदा उन्हें मिलता दिखाई दे रहा है।
जेडीयू के अलावा प्रशांत किशोर ने जनसुराज को लेकर भी भविष्यवाणी की थी जिसमें कहा था कि या तो पार्टी 10 से नीचे रहेगी या फिर 150 के ऊपर। ऐसे में उनकी यह भविष्यवाणी भी सही प्रतीत हो रही है क्योंकि अब तक के नतीजों के मुताबिक, पार्टी को किसी भी सीट पर बढ़त मिलती नहीं दिखाई दे रही है।
प्रशांत किशोर जो कि कई पार्टियों को सत्ता में लाने का दावा करते हैं। इस चुनाव से पहले वह राज्य में घूम रहे थे। उन्होंने कई नारे दिए जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। हालांकि, उसका असर मतगणना में दिखाई नहीं दे रहा है।
किशोर ने चुनाव प्रचार के दौरान बिहार राज्य में पलायन, शिक्षा, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए थे।
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एग्जिट पोल्स में भी पार्टी को कोई बढ़त नहीं मिली थी। पार्टी को महज 0-2 सीटें मिलने का अनुमान था, हालांकि नतीजों में एक भी सीट पर आगे नहीं दिखी। ऐसे में प्रशांत किशोर का अगला कदम क्या होगा, ये तो आने वाले समय में पता चलेगा कि क्या वह सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे या फिर चुनावी प्रबंधन में वापस लौटेंगे।
अब तक के नतीजों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 1 बजकर 20 मिनट के रुझानों के अनुसार, पार्टी को 90 सीटों पर बढ़त हासिल है। वहीं, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 80 सीटों पर आगे है। वहीं चिराग पासवान की एलजेपी (आरवी) 20 सीटों पर आगे है।
महागठबंधन काफी पीछे
वहीं महागठबंधन की बात करें तो लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) महज 29 सीटों पर आगे है। ऑल इंडिया नेशनल कांग्रेस महज 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, असदुद्दीन ओवौसी की पार्टी एआईएमआईएम की पार्टी भी 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
वोट प्रतिशत की बात करें तो चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, भाजपा को करीब 21.19 फीसदी मत मिले हैं। जेडीयू को 18.90 फीसदी वोट मिले हैं।
राजद को 22.99 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं कांग्रेस को 8.19 फीसदी वोट मिला है। सीपीआई (एमएल) (एल) को 3.14 फीसदी वोट मिले हैं। दिलचस्प बात ये है कि नोटा पर 1.83 फीसदी वोट हैं। वहीं, मायावती की बहुजन समाज पार्टी को भी 1.49 फीसदी वोट मिले हैं। एआईएमआईएम को 1.89 फीसदी वोट मिले हैं।
गौरतलब है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में बंपर वोटिंग हुई थी। वोटिंग का कुल प्रतिशत 67.13 फीसदी था।

