Tuesday, October 21, 2025
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बिहार चुनाव से पीछे क्यों हटी झारखंड मुक्ति मोर्च, कांग्रेस और झामुमो नेताओं ने क्या कहा?

महागठबंधन में अब भी सीटों को लेकर कोई फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। हालांकि राजद और कांग्रेस कई सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार चुके हैं। सोमवार तेजस्वी यादव ने पार्टी की तरफ से 143 सीटों की पहली सूची जारी की। वहीं कांग्रेस भी अब तक प्रत्याशियों की चार लिस्ट जारी कर चुकी है जिनमें 60 नाम शामिल किए गए हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) बिहार विधानसभा चुनाव से पीछे हट गई है। पार्टी ने अपने सहयोगी दलों- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गठबंधन धर्म की मर्यादा तोड़ी गई है और झारखंड की भावनाओं को आहत किया गया है। झामुमो ने संकेत दिया है कि वह आने वाले दिनों में महागठबंधन में अपनी भूमिका पर फिर से विचार करेगी।

झारखंड के पर्यटन मंत्री और झामुमो नेता सुदिव्य कुमार ने कहा कि पार्टी को बिहार चुनाव में जानबूझकर हाशिए पर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया, “झामुमो को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए राजद और कांग्रेस जिम्मेदार हैं। यह राजनीतिक धूर्तता है, और इसका जवाब दिया जाएगा। पार्टी झारखंड में कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन की समीक्षा करेगी।”

उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर को हुई एक बैठक में झामुमो को कुछ सीटें देने पर बात हुई थी। पार्टी ने तब घोषणा की थी कि वह बिहार की छह सीटों- चकाई, धमदाहा, कटोरिया, मनिहारी, जमुई और पीरपैंती से चुनाव लड़ेगी। लेकिन 20 अक्टूबर तक सीट बंटवारे पर कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके उलट, उन्हीं सीटों पर गठबंधन दलों ने अपने उम्मीदवार उतार दिए और इसे फ्रेंडली फाइट कहा जाने लगा।

सुदिव्य कुमार ने कहा, “हमने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है, लेकिन इस बार हमें नजरअंदाज किया गया। यह झारखंड की जनता की भावनाओं का अपमान है।”

ये भी पढ़ेंः JMM बिहार चुनाव से बाहर, पहले किया था 6 सीटों पर लड़ने का ऐलान; कांग्रेस-राजद पर धोखा देने का लगाया आरोप

‘झामुमो की बिहार में कोई राजनीतिक हैसियत नहीं‘, कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा?

झामुमो के आरोपों पर कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का बिहार में कोई ठोस संगठनात्मक ढांचा नहीं है। उन्होंने कहा, झामुमो ने कभी इस बात की कोशिश नहीं की कि वह बिहार में अपनी राजनीतिक हैसियत बनाए। अनवर ने साथ ही यह भी जोड़ा कि कांग्रेस और राजद दोनों के झारखंड में कुछ संगठनात्मक ढांचे मौजूद हैं, जबकि झामुमो का प्रभाव बिहार में बहुत सीमित है।

कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने झामुमो के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी किसी सहयोगी को धोखा नहीं दिया है और हमेशा गठबंधन को मजबूत करने के प्रयास में लगी रहती है।

समाचार एजेंसी आईएएनएन से बात करते हुए सिन्हा ने कहा, “मेरा मानना है कि झामुमो एक स्वाभाविक सहयोगी है और उसे स्वाभाविक रूप से बिहार में सीटें मिलनी चाहिए थीं। हालांकि, किन परिस्थितियों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई और क्या स्थितियां विकसित हुईं, इसका निर्णय केवल शीर्ष नेतृत्व कर सकता है। चाहे वह राजद का हो या झामुमो का। राजद नेताओं से भी इस मामले में चर्चा हुई है। झामुमो एक मजबूत गठबंधन साझेदार है, वह बिहार में चुनाव लड़ना चाहता था और उसे सीटें मिलनी चाहिए थीं।”

कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा, IANS

गठबंधन की मजबूती पर जोर देते हुए सिन्हा ने कहा, “कांग्रेस हमेशा गठबंधन के लिए त्याग करती रही है। हमारी कोशिश यही है कि गठबंधन पूरी मजबूती के साथ तैयार हो। यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र को बचाने की है। हमने बिहार में कभी किसी को धोखा नहीं दिया और भविष्य में भी नहीं देंगे। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि गठबंधन को मजबूत किया जाए।”

उन्होंने यह भी कहा, “हमें लगता है कि गठबंधन की स्थिति की समीक्षा होना चाहिए। कांग्रेस और अन्य दल स्वाभाविक रूप से एकजुट हैं। मैं बार-बार यही कह रहा हूं कि यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। ऐसे में एकजुटता ही संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में मदद करेगी।”

सिन्हा ने राज्य और बिहार की सियासी स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “झारखंड में गठबंधन में सब ठीक है और हम राज्य में एनडीए को उभरने नहीं देंगे। बिहार में एनडीए का कुनबा बिखर रहा है और विपक्ष को एकजुट रहने की जरूरत है।”

महागठबंधन के भीतर बढ़ती खींचतान

गौरतलब है कि महागठबंधन में अब भी सीटों को लेकर कोई फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। हालांकि राजद और कांग्रेस कई सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार चुके हैं। सोमवार तेजस्वी यादव ने पार्टी की तरफ से 143 सीटों की पहली सूची जारी की। वहीं कांग्रेस भी अब तक प्रत्याशियों की चार लिस्ट जारी कर चुकी है जिनमें 60 नाम शामिल किए गए हैं। करीब एक दर्जन से अधिक सीटों पर फ्रेंडसी फाइट की स्थिति बनी है। यानी इन सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी ही आमने-सामने खड़े हैं।

झामुमो के साथ सीट बंटवारे पर पप्पू यादव ने भी राजद को आड़े हाथों लिया। उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर गठबंधन धर्म का पालन न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राजद ने गठबंधन के सिद्धांतों का पालन नहीं किया, तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।

New Delhi: Independent MP Pappu Yadav at the Parliament House during the Monsoon Session in New Delhi on Monday, July 28, 2025. (Photo: IANS/Qamar Sibtain)

आईएएनएस से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा, “यह 1990 का दौर नहीं है। अगर लालू यादव गठबंधन धर्म नहीं निभाएंगे, तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। कांग्रेस ने हमेशा गठबंधन का सम्मान किया है और राहुल गांधी का स्पष्ट निर्देश है कि गठबंधन के सिद्धांतों का पालन होना चाहिए। इसलिए राजद को भी यह करना होगा।”

उन्होंने कहा कि दलित और अति पिछड़ों के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। “कांग्रेस के बिना न तो मुख्यमंत्री बन सकता है और न ही प्रधानमंत्री। हमने लालगंज में अति पिछड़ी जाति को टिकट दिया, लेकिन आप बाहुबलियों को टिकट दे रहे हैं। आप हमारे दलित प्रदेश अध्यक्ष का अपमान कर रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं होगा। कांग्रेस के बिना आप बिहार में सरकार नहीं बना सकते।”

झामुमो के साथ सीट बंटवारे पर नाराजगी

पप्पू यादव ने झामुमो के साथ सीट बंटवारे को लेकर भी राजद की आलोचना की। उन्होंने कहा, झामुमो के साथ समझौता होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो यह पूरी तरह गलत है। कम से कम झामुमो को तीन से चार सीटें दी जानी चाहिए। गठबंधन धर्म का पालन करना जरूरी है। यह रवैया ठीक नहीं है।

सांसद ने बिहार की सियासी स्थिति को लेकर कहा कि बिहार में एनडीए का माहौल खराब है और उनकी हार निश्चित है। कांग्रेस गठबंधन धर्म का सम्मान कर रही है, लेकिन एनडीए का कोई आधार नहीं है।

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित कराए जाएंगे। परिणाम 14 नवंबर को आएंगे।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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