पटना: बिहार में सासाराम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार सत्येंद्र साह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साह को सासाराम निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी पुष्टि की।
साह को झारखंड पुलिस ने हिरासत में लिया है, जो उनके खिलाफ लंबित एक गैर-जमानती वारंट की तामील कराने नामांकन केंद्र पहुँची थी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि चुनाव लड़ने के लिए जरूरी औपचारिकताएँ पूरी करने के कुछ ही देर बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
रोहतास जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सोमवार को जब साह सासाराम सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने संबंधित अंचल अधिकारी के कार्यालय पहुँचे, तो झारखंड पुलिस के अधिकारी उनके खिलाफ लंबित एक गैर-जमानती वारंट की तामील कराने वहाँ पहुँच गए। उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति दी गई, लेकिन इसके तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।’
21 साल पुराने डकैती केस में गिरफ्तारी
झारखंड पुलिस ने बाद में पुष्टि की है कि साह गढ़वा जिले के चिरौंजिया मोड़ पर 2004 में हुई एक बैंक डकैती के मामले में साह आरोपी हैं। गढ़वा के सदर थाने के प्रभारी सुनील तिवारी ने कहा, ‘उस मामले में सत्येंद्र साह के खिलाफ 2018 में एक स्थायी वारंट जारी किया गया था। पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि विभिन्न पुलिस थानों में लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन से संबंधित 20 से अधिक मामले उसके खिलाफ लंबित हैं।’
कौन हैं सत्येंद्र साह?
बिहार विधानसभा चुनाव में सत्येंद्र साह सासाराम से राजद के उम्मीदवार हैं। वे इससे पहले 2005, 2010 और 2015 के चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2020 में राजद उम्मीदवार राजेश कुमार गुप्ता ने यह सीट जीती थी, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट इस बार काट दिया है।
सत्येंद्र साह पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके पिछले हलफनामों के अनुसार- आईपीसी धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत 4 आरोप, आईपीसी धारा 395 (डकैती) के तहत 4 आरोप, आईपीसी धारा 302 (हत्या) के तहत 2 आरोप, आईपीसी धारा 324 (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना) के तहत 1 आरोप, आईपीसी धारा 326 (खतरनाक हथियारों से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत 1 आरोप, आईपीसी धारा 364 ए (फिरौती के लिए अपहरण, आदि) के तहत 1 आरोप हैं। इसके अलावा अन्य आरोपों में धारा 34, 353, 414, 120 बी, 504, 397, 452, 402, 349, 341 शामिल हैं।
नामांकन के बाद तीसरे INDIA ब्लॉक उम्मीदवार की गिरफ्तारी
बिहार चुनाव-2025 में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद इंडिया ब्लॉक के किसी उम्मीदवार की गिरफ्तारी का यह तीसरा मामला है। इससे पहले भोरे सीट से भाकपा (माले) लिबरेशन के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान और दरौली से सत्यदेव राम को भी इसी तरह की परिस्थितियों में हिरासत में लिया गया था।
गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए पार्टी ने एक तीखा बयान जारी किया और राज्य मशीनरी के राजनीतिक दुरुपयोग का आरोप लगाया था। पार्टी ने कहा, ‘हम कॉमरेड जितेंद्र पासवान और कॉमरेड सत्यदेव राम की राजनीति से प्रेरित गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा करते हैं…उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद नामांकन केंद्र के ठीक बाहर गिरफ्तार कर लिया गया।’
बयान में आगे कहा गया है, ‘मनगढ़ंत और निराधार आरोपों के तहत की गई ये गिरफ्तारियां एनडीए नेताओं के बीच डर और घबराहट को साफ तौर पर दर्शाती हैं, जो जनता के बढ़ते समर्थन और बिहार में बदलाव लाने के उनके दृढ़ संकल्प से खतरा महसूस कर रहे हैं।’
पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा-जद(यू) गठबंधन पर दमन और धमकी की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया। इसमें आरोप लगाया गया है, ‘अपनी असफल ‘डबल इंजन’ सरकार के खिलाफ बढ़ते गुस्से का सामना करने में असमर्थ, भाजपा-जद(यू) गठबंधन लोकतांत्रिक विरोध को दबाने और लोगों की आवाज़ दबाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर रहा है।’
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है, जिसके नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।