पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को लगभग 10 दिन और रह गए हैं। इस बीच महागठबंधन यानी कि विपक्षी दलों के गठबंधन ने 6 और 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। वहीं, एनडीए यानी भाजपा और नीतीश कुमार की जदयू के गठबंधन की ओर से अभी तक अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है।
महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र का नाम ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ रखा है। पटना में महागठबंधघन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये घोषणापत्र जारी किया गया। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ बाहरी शक्तियां बिहार को उपनिवेश बनाना चाहती हैं। सीएम नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा भाजपाई इन्हें पुतला बनाकर रखे हुए हैं और चुनाव के बाद भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी।
तेजस्वी ने कहा कि हम लोगों को बिहार बनाना है जबकि उन्हें बिहार पर कब्जा जमाना है। विपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने घोषणापत्र के जरिए कई बड़े वादे किए हैं। इसमें राज्य के हर परिवार के एक सदस्य को उसके कौशल-आधारित रोजगार और सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है।

बिहार में महागठबंधन के घोषणापत्र की बड़ी बातें क्या हैं
- घोषणापत्र में कहा गया है कि अप्रैल में संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम को बिहार में लागू नहीं होने दिया जाएगा। तेजस्वी ने पहले कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो इसे ‘कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।’
- सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर राज्य के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए एक अधिनियम पारित किया जाएगा। 20 महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।
- सभी जीविका सीएम (कम्युनिटी मोबिलाइजर) बहनों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। उनका वेतन 30,000 रुपये प्रति माह निर्धारित किया जाएगा।
- सभी संविदा कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा।
- आईटी पार्क, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), शुल्क आधारित उद्योग, कृषि आधारित उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण और पर्यटन जैसे क्षेत्रों कौशल आधारित रोजगार सृजित किया जाएगा।
- लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों के वित्तीय एवं कौशल विकास के लिए एक सुसंगत नीति विकसित की जाएगी। राज्य में 2,000 एकड़ भूमि पर एक एजुकेशनल सिटी, उद्योग क्लस्टर और पाँच नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएँगे।
- पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाएगी।
- माई-बहन मान योजना के तहत महिलाओं को दिसंबर से 2,500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत विधवाओं और बुजुर्गों को 15,00 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी, जिसमें सालाना 200 रुपये की वृद्धि होगी। दिव्यांगजनों को 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।
- माइक्रोफाइनेंस कम्पनियों द्वारा किश्त वसूली के दौरान महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने तथा मनमानी ब्याज दरों पर नियंत्रण के लिए नियामक कानून बनाया जाएगा।
- 8वीं से 12वीं तक के सभी गरीब छात्रों को फ्री टैबलेट दिए जाएंगे।
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की सीमा 4 लाख से बढ़ाकर 8 लाख की जाएगी, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी, ईबीसी के लिए ये 10 लाख रुपये होगी।
- हर अनुमंडल में महिला कॉलेज की स्थापना की जाएगी। जिन 136 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं है, वहां खोले जाएंगे।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में फॉर्म और परीक्षा शुल्क समाप्त किया जाएगा। परीक्षा केंद्र तक मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। साथ ही पेपर लीक और अनियमितता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
- किसानों के फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी देने की बात कही गई है। मंडियों को दोबारा चालू करने की भी बात कही गई है।
इन सबके अलावा घोषणापत्र में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, मनरेगा मजदूरी 255 रुपये से बढ़ाकर 300 करने और इसके कार्य दिवसों को 100 से बढ़ाकर 200 दिन करने की बात कही गई है। हर नागरिक को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देने की भी बात कही गई है। राज्य सरकार के कर्मचारियों को CGHS जैसी सुविधा देने की बात भी घोषणापत्र में कही गई है।

