Bihar election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है लेकिन महागठबंधन में सीटों का पेंच अब भी फंसा हुआ है। इस बीच कांग्रेस ने रविवार देर रात अपनी चौथी सूची जारी कर दी। लिस्ट में कुल 6 उम्मीदवारों के नाम हैं। 3 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
वाल्मीकिनगर सीट से सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि अररिया से अबिदुर रहमान चुनाव मैदान में हैं। अमौर सीट से जलील मस्तान को टिकट मिला है और बरारी से तौकीर आलम प्रत्याशी होंगे। कहलगांव से प्रवीन सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है, वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिकंदरा सीट से विनोद चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस ने अब तक कुल 60 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। इससे पहले कांग्रेस ने गुरुवार को 48 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम को कुटुंबा सीट और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान को कदवा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। शुक्रवार को ऋषि मिश्रा का नाम जाले सीट से घोषित किया गया था, जबकि शनिवार को पार्टी ने पांच और उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी।

एक दर्ज से अधिक सीटों पर फ्रेंडली फाइट!
महागठबंधन में अभी तक सीटों को लेकर कोई फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान के बीच मुख्य घटक दलों राजद और कांग्रेस ने कई उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इसमें कई ऐसे सीट भी हैं जहां गठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे। अब तक एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन चुकी है।
इनमें कुटुंब सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने पहले ही राजेश राम को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इसी तरह, वैशाली और लालगंज सीटों पर भी राजद और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होगी। वैशाली से कांग्रेस ने संजीव सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है। लालगंज में कांग्रेस ने आदित्य राज को मैदान में उतारा है, वहीं राजद ने शिवानी सिंह पर दांव लगाया है।
दरअसल, लोकसभा से लेकर विधानसभा तक, INDIA गठबंधन और महागठबंधन दोनों ही बीजेपी-नीत एनडीए के खिलाफ एकजुटता बनाने में बार-बार नाकाम रहे हैं। अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भी बिहार चुनाव में अलग राह पकड़ ली है और छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसे धोखा बताया और कहा कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो बिहार में अगली सरकार उनकी सहमति के बिना नहीं बन पाएगी। उन्होंने राजद को याद दिलाया कि झारखंड में उसकी पार्टी का एक मंत्री सरकार में है, इसलिए पारस्परिक सम्मान जरूरी है। तेजस्वी यादव सीट बंटवारे में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन मतभेद कम नहीं हुए हैं।