Sunday, November 16, 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव में विश्व बैंक 14,000 करोड़ रुपये हुआ इस्तेमाल, प्रशांत किशोर की पार्टी का बड़ा दावा

प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में विश्व बैंक का 14,000 करोड़ रुपये इस्तेमाल हुआ है।

पटनाः प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने आरोप लगाया कि विश्व बैंक के 14,000 करोड़ रुपये का फंड इस्तेमाल किया है। पार्टी ने दावा किया कि यह धन विकास परियोजनाओं के लिए निर्धारित था। इस फंड को चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये नकद हस्तांतरण करने का आरोप लगाया गया।

पार्टी ने बताया है कि यह कदम “सार्वजनिक धन का स्पष्ट रूप से दुरुपयोग और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का अनैतिक प्रयास” है। इसके साथ ही इसकी गहन जांच की भी मांग की है।

जनसुराज पार्टी ने क्या आरोप लगाए?

गौरतलब है कि नीतीश कुमार सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत 1.25 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये स्थानांतरित किए। विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के इस कदम ने एनडीए को सत्ता में आने में मदद की।

जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने शनिवार, 15 नवंबर को एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा “इस चुनाव का नतीजा खरीदा गया है। 21 जून से चुनाव के दिन तक इस जनादेश को हासिल करने के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए। जनता के पैसे का इस्तेमाल करके उन्होंने असल में लोगों के वोट खरीदे। मुझे यह भी पता चला है कि इन नकद हस्तांतरणों के लिए विश्व बैंक से प्राप्त धन का इस्तेमाल किया गया था।”

नेता ने आगे दावा किया कि बिहार की अर्थव्यवस्था इतनी बड़ी राशि वसूलने में सक्षम नहीं है और सरकार के बाद सत्ता में आने के बाद अब लोक कल्याण खर्च करने के बमुश्किल ही कोई पैसा बचा है।

जनसुराज पार्टी के प्रवक्ता पवन वर्मा ने यही आरोप लगाते हुए दोहराया और दावा किया कि राज्य का खजाना अब खाली हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया “हमें पास सूचना है जो गलत भी हो सकती है कि राज्य में महिलाओं को दी गई 10 हजार रुपये की राशि 21 हजार करोड़ रुपये हो गई है जो विश्व बैंक से किसी अन्य परियोजना के लिए आए थे। चुनाव आचार संहिता लागू होने से एक घंटे पहले 14,000 करोड़ रुपये निकालकर राज्य की 1.25 करोड़ महिलाओं को बांट दिए गए।”

NDA को मिली बंपर जीत

उन्होंने आगे कहा “यदि यह सही है तो सवाल उठता है कि यह कितना नैतिक है। यह संभव है कि कानूनी रूप से आप कुछ नहीं कर सकते। सरकार फंड का दुरुपयोग कर सकती है और बाद में स्पष्टीकरण दे सकती है। चुनाव के बाद स्पष्टीकरण दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य भाजपा शासित राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। आप वादे करते हैं और दूसरी पार्टी पैसा देती है, इसका मतदाताओं पर अलग असर पड़ेगा।”

वर्मा ने आगे कहा कि बिहार का सार्वजनिक ऋण अभी 4.06 लाख करोड़ रुपये है जिस पर प्रतिदिन 63 करोड़ रुपये का बोझ है। उन्होंने आगे कहा कि “खजाना खाली है।”

चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी की स्थापना की और चुनाव लड़ा। हालांकि, उन्हें किसी भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है। पार्टी ने 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी को 3.44 फीसदी वोट मिला है।

इस बीच एनडीए ने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। एनडीए को 202 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जिसे 89 सीटों पर जीत मिली। वहीं, जनता दल यूनाइटेड को 85 सीटों पर जीत मिली है। अन्य एनडीए घट दलों में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को 19, हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा को 5 सीट और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिली हैं।

वहीं महागठबंधन को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। राष्ट्रीय जनता दल को महज 25 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस को मात्र 6 सीटें मिलीं। वहीं, सीपीआई (एमएल) (एल) को 2 सीटें और सीपीआई (एम) को एक सीट मिली है।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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