नई दिल्लीः बीसीसीआई (BCCI) ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) प्रमुख मोहसिन नकवी को एक आधिकारिक मेल किया है। बीसीसीआई ने इस मेल में लिखा कि एशिया कप ट्रॉफी भारत को दी जाए।
इंडिया टुडे को BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने बताया कि वे नकवी की तरफ से जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता तो इस मामले को आईसीसी के समक्ष उठाया जाएगा। सैकिया ने कहा कि वह इस मामले में कदम-दर-कदम आगे बढ़ रहे हैं और इस मामले को आगे बढ़ाते रहने के बारे में बताया है।
BCCI सचिव ने क्या कहा?
एशिया कप की ट्रॉफी फिलहाल दुबई में एसीसी कार्यालय में है। भारत ने एशिया कप जीतने के बाद नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था।
गौरतलब है कि एशिया कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को हराने के बाद जब नकवी के हाथों पदक और ट्रॉफी न लेने का फैसला किया तो नकवी ने भारतीय टीम को पारंपरिक पुरस्कार से वंचित कर दिया। नकवी ने एसीसी अधिकारियों को ट्रॉफी लेने का आदेश दिया था।
बीती 30 सितंबर को एसीसी की बैठक के दौरान BCCI ने नकवी के व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा था कि एशिया कप एसीसी का है। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने जोर देकर कहा कि एशिया कप 2025 की ट्रॉफी आधिकारिक तौर पर सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली विजयी भारतीय टीम को दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे तुरंत एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अधीन कर दी जानी चाहिए।
मोहसिन नकवी की हुई थी आलोचना
इससे पहले BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने एसीसी चेयरमैन के कार्यों की निंदा करते हुए उन्हें गलत बताया था। सैकिया ने कहा, “हमने एसीसी अध्यक्ष जो पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, से एशिया कप 2025 की ट्रॉफी स्वीकार न करने का फैसला किया है। यह एक सोची-समझी रणनीति थी।”
उन्होंने आगे कहा था कि “इससे उन्हें ट्रॉफी और पदक अपने साथ ले जाने का अधिकार नहीं मिलता। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खेल भावना के विरुद्ध है। हमें उम्मीद है कि ट्रॉफी और पदक जल्द से जल्द भारत को लौटा दिए जाएँगे।”
यहां तक कि एसीसी सदस्यों द्वारा माफी मांगे जाने के बाद भी नकवी अपनी बात पर अड़े रहे और भारत को ट्रॉफी वापस करने से इंकार कर दिया। नकवी ने कहा था कि अगर भारत को ट्रॉफी चाहिए तो उनके कप्तान को उसे वापस लेने के लिए दुबई स्थित एसीसी मुख्यालय में जाना होगा।
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बीसीसीआई ने हालांकि इस शर्त को तुरंत खारिज कर दिया था और कहा था कि भारतीय कप्तान को दुबई जाने की कोई जरूरत नहीं है। उसे फाइनल के बाद तुरंत दिया जाना चाहिए था।
इस विवाद के बाद दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव और गहरा गया है। पहलगाम हमले के बाद जारी तनाव के बीच भारतीय टीम ने पाकिस्तान के साथ मैचों के दौरान खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था और मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से भी इंकार किया था।