ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने रविवार को ग्लोबल पुलिस एजेंसी इंटरपोल से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वफादारों का पता लगाने और उन्हें देश वापस लाने के लिए “रेड नोटिस” अलर्ट जारी करने का अनुरोध करने की बात कही है।
देश में कोटा विरोधी आंदोलन के तूल पकड़ने और हिंसा के बढ़ने के बाद पांच अगस्त को शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई थीं। इसके बाद उनके पार्टी के कई नेताओं ने भी देश छोड़ दिया था।
ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब इन नेताओं को देश वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद लेने जा रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी भारत से वापस लाने और उन्हें कथित “मानवता के खिलाफ अपराध” के मुकदमे का सामना करने के लिए इंटरपोल की मदद लेगी।
देश छोड़ चुके नेताओं को वापस लाने के लिए अंतरिम सरकार द्वारा इंटरपोल की मदद लेने की बात तब सामने आई है जब इससे पहले आवामी लीग पार्टी ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस समेत 61 अन्य के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) में एक शिकायत दर्ज की गई है।
बता दें कि बांग्लादेश में छात्रों की अगुवाई वाले कोटा विरोधी आंदोलन के चलते भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे जिसमें पुलिस की कार्रवाई में 700 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों की संख्या में लोग घायल भी हुए थे।
अगस्त में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनी थी। सरकार ने शेख हसीना और अवामी लीग के अन्य फरार नेताओं पर जुलाई और अगस्त के विरोध प्रदर्शन को दबाने के आदेश देने का आरोप लगाया है जिसमें 700 से अधिक लोगों की जान गई है।
बांग्लादेश ने क्या कहा है
रविवार को स्थानीय मीडिया से बात करते हुए अंतरिम सरकार के कानून सलाहकार आसिफ नजरूल ने कहा है कि जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित “नरसंहार” के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय का सामना करना पड़ेगा।
आसिफ ने यह भी कहा है कि कथित हत्याओं में शामिल लोगों के बारे में पता लगाने और उनके प्रत्यर्पण के प्रयास चल रहे हैं। उनके अनुसार, इसमे शामिल लोग जहां कहीं भी शरण लिए हैं, उन्हें देश वापस लाया जाएगा। उन्होंने लोगों को इंसाफ दिलाने की भी बात कही है।
आसिफ ने आगे कहा है कि इस सिलसिले में इंटरपोल की भी मदद ली जा रही है और संबंधित लोगों के खिलाफ “जल्द से जल्द रेड नोटिस” अलर्ट जारी करने का अनुरोध किया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आसिफ नजरूल ने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है लेकिन उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि बांग्लादेश ने पहले ही शेख हसीना के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है।
बता दें कि बांग्लादेश की एक अदालत ने पिछले महीने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और उन्हें 18 नवंबर तक कोर्ट में पेश होने को कहा था। शेख हसीना पर छात्र प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई के आदेश देने के आरोप में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। हसीना के अलावा 50 अन्य लोगो के खिलाफ भी अरेस्ट वारंट जारी किया गया था।
क्या होता है इंटरपोल का “रेड नोटिस” अलर्ट
इंटरपोल फ्रांस में स्थित एक ग्लोबल पुलिस एजेंसी है जो दुनिया के 196 मेंबर देशों की पुलिस के साथ मिलकर काम करती है। मेंबर देश किसी शख्स के खिलाफ अपने देश में एक अरेस्ट वारंट जारी करता है जिसके बाद इंटरपोल उस वारंट के आधार पर आगे की कार्रवाई करता है।
“रेड नोटिस” अलर्ट एक नोटिस को कहते हैं जो मेंबर देश अपने देश में किसी भगोड़े शख्स के खिलाफ जारी करता है।
बांग्लादेश सरकार के अधिकारियों के अनुसार, रेड नोटिस कोई अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है, बल्कि प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित किसी व्यक्ति का पता लगाने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक वैश्विक अनुरोध का नोटिस है।
चूंकि इंटरपोल मेंबर देशों के पुलिस के साथ मिलकर काम करता है और “रेड नोटिस” अलर्ट एक सामान का अनुरोध होता है, ऐसे में कोई देश इसके लिए बाध्य नहीं है कि जिस शख्स के खिलाफ “रेड नोटिस” अलर्ट जारी किया गया है उसे एजेंसी या फिर नोटिस जारी करने वाले देश को उस शख्स को सौंपना ही होगा।