ढाकाः बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाला अंतरिम प्रशासन पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भारत से प्रत्यर्पित कराने के लिए इंटरपोल की मदद लेने की तैयारी कर रहा है।
बांग्लादेश का यह कदम ढाका स्थित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए दोनों की मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद उठाया है। बांग्लादेशी मीडिया के कई संस्थानों ने हसीना के प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल की मदद लेने की योजना की खबरें दी हैं।
शेख हसीना को सुनाई गई थी सजा-ए-मौत
गौरतलब है कि शेख हसीना और असदुज्जमां खान कमाल को मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए मौज की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में एक अन्य संदिग्ध, पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ल-अल-मामून जो सरकारी गवाह बन गया था। उसे फांसी की सजा नहीं सुनाई गई है। उसे सिर्फ 5 साल की सजा सुनाई गई है।
बीते साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र प्रदर्शनों के बाद हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था और उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी। तब वह भारत में ही हैं। इंडिया टुडे ने असदुज्जमां खान कमाल से फोन पर बात की। कमाल ने अपनी लोकेशन के बारे में बताने से इंकार किया। हालांकि रिपोर्टों में ऐसा कहा गया है कि वह भी भारत में स्व-निर्वासन पर हैं।
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बांग्लादेशी दैनिक द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को दोनों को सजा सुनाए जाने के बावजूद अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने मंगलवार को कहा कि दोषसिद्धि वारंट के आधार पर दोनों भगोड़ों के लिए इंटरपोल रेड नोटिस का अनुरोध जारी करने की तैयारी चल रही है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने आईसीटी अभियोजक गाजी एमएच तमीम के हवाले से लिखा कि दोनों आरोपी फरार हैं और ट्रिब्यूनल के गिरफ्तारी वारंट के साथ इंटरपोल को रेड नोटिस जारी करने के लिए आवेदन दिया जा चुका है। अब हम विदेश मंत्रालय के माध्यम से संगठन से गिरफ्तारी वारंट के बजाय दोषसिद्धि वारंट के आधार पर नया रेड नोटिस जारी करने का अनुरोध करेंगे।
यूनुस सरकार करेगी अनुरोध
सोमवार, 17 नवंबर को फैसले के बाद यूनुस प्रशासन ने न्याय, कानून और संसदीय मामलों के सलाहकार आसिफ नजरूल ने कहा कि ढाका शेख हसीना और कमाल के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए औपचारिक रूप से नई दिल्ली को पत्र लिखेगा।
भारत ने हालांकि ढाका के अनुरोधों का सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन आईसीटी द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद एक संतुलित बयान दिया। नई दिल्ली ने कहा कि वह बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है।
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बांग्लादेश पुलिस ने पिछले साल मामला दर्ज होने के बाद शेख हसीना सहित मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोपी 12 फरार संदिग्धों के लिए इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करने की मांग की थी।

