Thursday, October 16, 2025
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बांग्लादेश में अप्रैल 2026 में होंगे आम चुनाव, अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने की घोषणा

ढाका: बांग्लादेश में अगले आम चुनाव अप्रैल 2026 की पहली छमाही में कराए जाएंगे। यह घोषणा शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने की। यह चुनाव उस ऐतिहासिक जनविद्रोह के बाद हो रहा है, जिसमें अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था।

करीब 17 करोड़ की आबादी वाले इस दक्षिण एशियाई देश में पिछले एक साल से राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है। 84 वर्षीय यूनुस ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा, मैं देशवासियों को सूचित कर रहा हूं कि आम चुनाव अप्रैल 2026 की पहली छमाही में किसी भी दिन आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शेख हसीना के 15 वर्षों के सत्ताकाल के बाद लोकतांत्रिक संस्थाओं के पुनर्गठन के लिए समय की आवश्यकता है, और चुनाव उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।

‘गलत तरीके से कराए गए चुनाव देश को संकट में डालते हैं’

यूनुस ने कहा कि सरकार एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और सर्वग्राही चुनावी वातावरण बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी, जब भी बांग्लादेश में गलत तरीके से चुनाव हुए हैं, देश गंभीर संकट में फंसा है। अतीत में एक राजनीतिक दल ने ऐसे ही चुनावों के ज़रिए सत्ता हथिया ली थी और वह एक क्रूर, फासीवादी ताकत में तब्दील हो गया।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासनकाल में मानवाधिकार उल्लंघन, न्यायपालिका और नौकरशाही का राजनीतिकरण, तथा एकतरफा चुनावों के आरोप लगते रहे हैं। यूनुस ने कहा कि उनकी अंतरिम सरकार का मुख्य उद्देश्य सुधार, न्याय और चुनाव है। यदि सुशासन की स्थापना नहीं हो पाती है, तो हमारे छात्रों और आम जनता की कुर्बानियां व्यर्थ हो जाएंगी।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जुलाई से अगस्त 2024 के बीच हसीना सरकार द्वारा किए गए दमन में लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई। हसीना फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं और ढाका लौटने के लिए अदालत के समन की अवहेलना कर रही हैं। उनकी गैर-मौजूदगी में मुकदमा इसी महीने शुरू हुआ है।

BNP और सेना चुनाव जल्द कराने के पक्ष में

विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की मांग तेज कर दी है। मई में सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने भी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि चुनाव दिसंबर तक कराए जाने चाहिए। इसके कुछ दिन बाद सरकार ने आगाह किया कि सत्ता संघर्ष, अब तक की उपलब्धियों को खतरे में डाल सकता है।

यूनुस ने कहा कि जो लोग गलत तरीके से चुनाव कराते हैं, वे इतिहास में अपराधी के रूप में देखे जाते हैं। और ऐसे चुनावों से सत्ता में आए लोग जनघृणा के पात्र बनते हैं।

अंतरिम प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि चुनाव आयोग उपयुक्त समय पर चुनाव की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा, हम सभी हितधारकों के साथ संवाद कर रहे हैं ताकि बांग्लादेश के इतिहास का सबसे स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी और विश्वसनीय चुनाव आयोजित किया जा सके।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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