ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकरा के तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़े हिंसा और अत्याचार के मामलों के खिलाफ हजारों हिंदुओं ने शुक्रवार को रैली निकाली। चट्टोग्राम में आयोजित इस रैली के जरिए मांग रखी गई कि मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में अभी काम कर रही अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों और उत्पीड़न जैसे मामलों पर गंभीरता से ध्यान दे। साथ ही कुछ हिंदू समुदाय के नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए देशद्रोह के मामले को हटाने की भी मांग रखी गई।
30 हजार हिंदुओं ने रैली में लिया भाग
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग 30,000 हिंदुओं ने बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी शहर चट्टोग्राम के एक प्रमुख चौराहे पर प्रदर्शन किया और अपने अधिकारों की मांग करते हुए नारे लगाए। इस दौरान पुलिस और सेना के जवान भी इलाके में बड़ी संख्या में मौजूद रहे ताकि कोई अनहोनी घटना नहीं हो। बांग्लादेश में कुछ अन्य जगहों पर भी ऐसी ही विरोध प्रदर्शन की सूचना मिली है।
Despite obstructions from police and the army, tens of thousands of Hindus of #Bangladesh yesterday participated in a demonstration in #Chattogram to demand that false cases against Hindu community leaders be withdrawn. https://t.co/GDLtdPOz0M
— Bangladesh Watch (@bdwatch2024) November 2, 2024
बांग्लादेश के हिंदू समूहों का कहना है कि अगस्त की शुरुआत से हिंदुओं के खिलाफ हजारों हमले हुए हैं। यह वही समय था जब प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को लोगों और खासकर छात्रों के प्रदर्शन के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी। उग्र प्रदर्शन के बीच शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। इस घटना के बाद से बांग्लादेश में बनी अंतरिम सरकार का नेतृत्व नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़े उत्पीड़न के मामले पर हालांकि यूनुस का कहना है कि आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। दरअसल, बांग्लादेश की लगभग 17 करोड़ की आबादी में हिंदू लगभग 8% हैं, जबकि मुसलमान लगभग 91% हैं। देश के प्रभावशाली अल्पसंख्य ग्रुप ‘बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चन यूनिटी काउंसिल’ ने कहा है कि 4 अगस्त के बाद से हिंदुओं पर 2,000 से अधिक हमले हुए हैं और अंतरिम सरकार कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए अभी भी संघर्ष कर रही है।
19 हिंदुओं के खिलाफ देशद्रोह के मामले
चट्टोग्राम शहर में शुक्रवार को हिंदुओं की बड़ी रैली मुख्य तौर पर दरअसल बुधवार को 19 हिंदुओं के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किए जाने के खिलाफ निकाली गई थी। इन 19 नामों में एक नाम प्रमुख पुजारी चंदन कुमार धर का भी है। इन लोगों के खिलाफ 25 अक्टूबर की एक घटना को लेकर देशद्रोह का मामला बांग्लादेश की पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस ने दो हिंदू नेताओं को भी गिरफ्तार किया है जिससे अल्पसंख्यकों में नाराजगी बढ़ गई है।
दरअसल, एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ लोग एक भगवा झंडे को बांग्लागेश के राष्ट्रीय झंडे के ठीक पास एक पिलर में उससे ऊपर लगाते नजर आ रहे हैं। इसे बांग्लादेश के झंडे का अपमान माना गया। यह घटना चट्टोग्राम के न्यू मार्केट एरिया के जीरो प्वाइंट की बताई जा रही है।
हालांकि, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार देशद्रोह के आरोपियों में से एक और पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने बताया कि सनातन संगठनों का भगवा झंडे लगाए जाने से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि यह घटना लाल दिघी इलाके से 2 किमी दूर हुई थी। लाल दिखी वो इलाका था, जहां 25 अक्टूबर को हिंदुओं ने रैली निकाली थी।
हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि ये मामला राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने गुरुवार को मांग की कि इन्हें 72 घंटों के भीतर वापस लिया जाए। ढाका में शनिवार को भी हिंदू रैली की योजना बनाई गई है।
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका का भी आ चुका है बयान
बांग्लादेश को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिकारियों और अन्य अधिकार समूहों ने भी यूनुस के तहत देश में मानवाधिकारों के हनन पर चिंता व्यक्त की है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का कहना है कि अंतरिम सरकार ने उनकी पर्याप्त सुरक्षा नहीं की है और हसीना के सत्ता से हटने के बाद कट्टरपंथी तेजी से प्रभावशाली हो रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन भी कह चुका है कि वह हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से बांग्लादेश के मानवाधिकार मुद्दों पर नजर बनाए हुए है। हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘बर्बर’ हिंसा की निंदा की थी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व में इन हमलों पर चिंता जताई थी।